ललितपुर के ब्लड बैंक में नशेड़ियों का खून

ललितपुर, 7 मई । उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिला महिला अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक में नशेड़ियों व रिक्शा चालकों का खून कम दामों में निकलवाकर ऊंचे दामों पर बेचे जाने का मामला सामने आया है।

मीडियाकर्मियों ने ब्लड बैंक में आकस्मिक पहुंचकर पूरा मामला पकड़ लिया। हालांकि मामले से जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार को अवगत कराया गया है।

गौरतलब है कि ब्लड बैंक में सबकुछ सामान्य तौर पर चल रहा था। इस दौरान प्रेस क्लब महामंत्री मो.नसीम को दूरभाष पर सूचना मिली कि कुछ नशेड़ियों का खून निकलवाकर ब्लड बैंक में जमा कराया जा रहा है। सूचना मिलते ही उन्होंने युवा पत्रकारों के साथ ब्लड बैंक पहुंचकर पूरा मामला पकड़ लिया।

मौके पर एक नशेड़ी युवक का खून निकलवाया जा रहा था, जिसका असली नाम मोहल्ला पिसनारी निवासी संतोष पुत्र शंकर है। उसका नाम ब्लड डोनेट फार्म पर चंदू पुत्र सीताराम अंकित कराया गया था।

पत्रकारों के पहुंचते ही ब्लड बैंक में खून देने के लिए बैठे दो अन्य नशेड़ी भाग खड़े हुए। मामले को लेकर जहां अस्पताल प्रशासन कोई भी जबाव देने से बचते नजर आए तो वहीं मीडियाकर्मियों ने पूरे मामले से जिलाधिकारी डॉ.रूपेश कुमार को अवगत करा दिया है।

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि नशेड़ियों व रिक्शे वालों को महज 400 से 500 रुपये दिलाने का भरोसा दिलाकर चिकित्सालय गेट के सामने स्थित मेडिकल स्टोर के सामने चाय की दुकान लगाने वाले एक शख्स द्वारा खून निकलवाया जाता था, जिसके एवज में उसे मोटा कमीशन भी दिया जाता है।

हैरत की बात तो यह है कि खून देने वालों का ब्लड ग्रुप भी पता नहीं किया जाता है। इस कारण कोई अनहोनी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

सूत्रों की मानें तो खून निकल जाने के बाद नशेड़ियों से लिया गया खून ऊंचे दामों यानी 1200 से 1400 रुपये तक में जरूरतमंदों को बेच दिया जाता है। इस पूरे मामले के प्रकाश में आने से अधिकारी भी हलकान हैं।

जिलाधिकारी डॉ. रूपेश कुमार ने कहा, “अगर ऐसा किया जा रहा है तो यह गंभीर विषय है। खून देने व लेने वाले दोनों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। खून देने वाले यदि नशेड़ी हैं तो उन्हें एचआईवी भी हो सकता है। इसकी जांच की जाएगी और दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

–आईएएनएस