वीरभद्र जांच में शामिल होंगे, सीबीआई गिरफ्तार नहीं करेगी

नई दिल्ली, 6 अप्रैल | दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को आय से अधिक संपत्ति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज मामले की जांच में शामिल होने को कहा है। न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने सीबीआई को भी निर्देश दिया कि वह अदालत की अनुमति के बिना वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी को इस मामले में गिरफ्तार नहीं कर सकती।

न्यायालय का यह आदेश सिंह और उनकी पत्नी के यह कहने के बाद आया है कि अगर उन्हें आश्वासन दिया जाता है कि जांच प्रकिया के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, तो वे जांच में शामिल होने को तैयार हैं।

सीबीआई ने हालांकि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दी गई गिरफ्तारी से सुरक्षा को यह कहते हुए हटाने की मांग की थी कि अदालत का यह फैसला जांच में रुकावट डाल रहा है। न्यायालय ने कहा, “न्यायालय की अनुमति के बिना उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।”

अतिरिक्त महाधिवक्ता जनरल पी.एस. पटवाला ने अदालत को बताया, “हमें जांच में पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। हम अनुचित व्यवहार नहीं करेंगे।”

पटवाला ने कहा, “कोई अनौपचारिक जांच नहीं हो सकती। मैं चाहता हूं कि वह ऐसी जांच में शामिल हों, जो अर्थपूर्ण हों और उनके आदेश के अनुसार न हो।”

सिंह और उनकी पत्नी के वकील वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और राम जेठमलानी ने अदालत से कहा कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें गिरफ्तारी से मुक्त रखा जाए।

सिब्बल ने सिंह की ओर से अदालत से कहा, “मैं 55 सालों से विधायक रहा हूं, कोई चुनाव नहीं हारा। मेरे तीन बंगले हैं। मेरी 2,000 एकड़ की वन भूमि है और मुझ पर केवल छह करोड़ रुपयों के लिए मुकदमा चलाया जा रहा है। अगर हमें (वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी ) गिरफ्तारी से सुरक्षा दी जाती है, तो हम जांच में शामिल होने को तैयार हैं।”

राम जेठमलानी ने अदालत से कहा कि वीरभद्र सिंह वर्तमान मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनकी ‘गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए’।

हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष एक अक्टूबर, 2015 को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए आय से छह करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति के मामले में वीरभद्र सिंह से सीबीआई की पूछताछ या उनके खिलाफ आरोप पत्र पेश करने पर रोक लगा दी थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल नबंवर में सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को हिमाचल उच्च न्यायालय से दिल्ली उच्च न्यायालय स्थानांतरित कर दिया था और कहा था कि यह ‘न्यायपालिका को शर्मिदगी से बचाने’ के लिए जरूरी है।

शीर्ष अदालत ने हालांकि हिमाचल उच्च न्यायालय के आदेश में कोई बदलाव नहीं किया था, जिसने सीबीआई को इस मामले में सिंह को गिरफ्तार करने से रोक दिया था।

यह मामला 23 सितंबर को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, जीवन बीमा एजेंट आनंद चौहान और उसके सहयोगी चुन्नी लाल के खिलाफ दर्ज किया गया था। (आईएएनएस)