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बिल्डरों (builders) के खिलाफ होमबॉयर्स द्वारा दर्ज किए गए 1,821 मामले

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिवाला और दिवालियापन संहिता (Insolvency and Bankruptcy Code)  (IBC) 2016 के तहत जून, 2018 से बिल्डरों (builders) के खिलाफ होमबॉयर्स (homebuyers) द्वारा दर्ज किए गए कुल 1,821 मामले 30 सितंबर 2019 तक नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (National Company Law Tribunal) में लंबित थे।

बिल्डरों ( builders) के खिलाफ एक महीने से कम समय के लिए चूक के लिए दायर मामलों के बारे में डेटा एनसीएलटी के पास उपलब्ध नहीं है।

यह बात वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Anurag Singh Thakur) ने सोमवार को लोक सभा (Lok Sabha) में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कही।

आगे विस्तार से बताते हुए  ठाकुर ने कहा कि होमबॉयर्स की स्थिति को वित्तीय लेनदारों के रूप में बदलने या छोटे मामलों में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में बिल्डरों (builders) के खिलाफ दर्ज किए गए दिवालिया मामलों की संख्या को कम करने के लिए इन मामलों में डिफ़ॉल्ट की परिभाषा को संशोधित करना मंत्रालय के विचाराधीन है।

सरकार एनसीएलटी के बोझ को कम करने के लिए बेंचों की संख्या, न्यायालयों की संख्या और सदस्यों की संख्या के संदर्भ में एनसीएलटी को मजबूत करने के लिए सभी कदम उठा रही है।

वर्ष 2018-2019 के दौरान जयपुर, कटक, कोच्चि, इंदौर और अमरावती में पांच नई बेंचों की घोषणा की गई है। सरकार ने हाल ही में एनसीएलटी में 28 और सदस्यों की नियुक्ति की है और नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( NCLT) में सदस्यों के रिक्त पद नियमित रूप से दाखिल किए जा रहे हैं।

सदस्यों के क्षमता निर्माण के लिए, नियमित बोलचाल आयोजित की जा रही है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ( NCLT) की सभी बेंचों के लिए NIC द्वारा ई-कोर्ट परियोजना भी लागू की जा रही है।