22 January 2024 will remain a historic day for ten thousand years

दस हज़ार वर्षों तक ऐतिहासिक दिन रहेगा 22 जनवरी 2024

नई दिल्ली, 10 फरवरी। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज लोक सभा में ऐतिहासिक राम मंदिर निर्माण और श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर नियम 193 के तहत चर्चा में भाग लिया और कहा कि 22 जनवरी का दिन दस सहस्त्र सालों के लिए ऐतिहासिक दिन बनने वाला है।

शाह ने कहा कि 22 जनवरी का दिन सन् 1528 से शुरू हुए संघर्ष और अन्याय के खिलाफ आंदोलन के अंत का दिन है। 22 जनवरी का दिन करोड़ों रामभक्तों की आकांक्षा और सिद्धि,पूरे भारत की आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण और महान भारत की यात्रा की शुरूआत का दिन है।

उन्होंने कहा कि 22 जनवरी का दिन मां भारती को विश्व गुरु बनने के मार्ग पर प्रशस्त होने का दिन है। उन्होंने श्रीराम मंदिर के लिए सन 1528 से 2024 तक संघर्ष करने वाले सभी योद्धाओं को नमन किया।

गृह मंत्री ने कहा कि भारत की कल्पना राम और राम चरित्र के बिना हो ही नहीं सकती और जो इस देश को पहचानना, जानना और जीना चाहते हैं, वो राम और रामचरित मानस के बिना ये कर ही नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राम का चरित्र औऱ राम इस देश के जनमानस का प्राण हैं। जो लोग राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते और वे हमारे गुलामी के काल का प्रतिनिधित्व करते हैं।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि रामराज्य किसी एक धर्म या संप्रदाय विशेष के लिए नहीं है, बल्कि आदर्श राज्य कैसा होना चाहिए इसका न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रतीक है।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के हाथों से 22 जनवरी को राम और राम के चरित्र को फिर से प्रस्थापित करने का काम हुआ है।

उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता। कई भाषाओं, प्रदेशों और धर्मों में रामायण का जिक्र, अनुवाद, इसकी परंपराएं और राष्ट्रीय चेतना का आधार बनाने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि कई देशों ने रामायण को स्वीकार कर एक आदर्श ग्रंथ के रूप में प्रस्थापित किया है।

शाह ने कहा कि 22 जनवरी को राष्ट्र की इच्छा की पूर्ति मोदी जी के हाथों हुई। उन्होने कहा कि 1858 से कानून लड़ाई चल रही थी जो 330 साल के बाद खत्म हुई औऱ आज रामलला अपने घर में विराजमान हैं।

अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2019 तक राम जन्मभूमि की लड़ाई चली, लाखों पेज का अनुवाद हुआ और 2019 में मोदी जी फिर प्रधानमंत्री बने। अदालत का निर्णय आने के बाद 5 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसकी नींव रखी। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में करोड़ों लोगों ने अपनी इच्छा और श्रद्धा को संवैधानिक और शांतिपूर्ण तरीके से अयोध्या तक पहुंचाया।