झारखंड में 31 लाख रुपये के पुराने नोटों के साथ 5 नक्सली गिरफ्तार

रांची, 29 नवंबर| झारखंड में पांच नक्सलियों को 31.53 लाख रुपये के पुराने अमान्य करार कर दिए गए नोटों के साथ मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की जोनल कमेटी के सदस्य मिथिलेश मंडल उर्फ जगदीश को दुमका जिले में 31 लाख रुपये के पुराने नोटों के साथ गिरफ्तार किया गया।

मंडल की योजना इन पैसों को एक बैंक में जमा कराने की थी।

मंडल के साथ चार अन्य नक्सलियों को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उनके पास से 53,500 रुपये के पुराने नोट बरामद किए।

नक्सलियों के पास से दो पिस्तौल, गोलियां, एक वाहन, पांच बैंक खातों के पासबुक तथा सात मोबाइल फोन जब्त किए गए।

नोटबंदी की घोषणा के बाद से अब तक झारखंड में कुल तीन करोड़ रुपये के पुराने नोट जब्त किए जा चुके हैं।

वसूली की रकम को बैंकों में जमा कराने के लिए नक्सली अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे हैं। झारखंड में नक्सली उगाही के रूप में 150-200 करोड़ रुपये वसूल करते हैं।

नक्सलियों ने उगाही से एकत्रित इस काले धन को बैंक में जमा कराने से इनकार करने पर 15 नवंबर को सेरिकेला-खरसावा जिले के एक नर्सिग होम के मालिक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

वहीं, 10 नवंबर को पुलिस ने रांची के बाहरी इलाके में स्थित एक पेट्रोल पंप के मालिक नंद किशोर को 25 लाख रुपये की नकदी के साथ गिरफ्तार किया था। नंद किशोर ने बताया कि वह इस रकम को बैंक में जमा करने जा रहा था।

पूछताछ के दौरान, नंद किशोर ने यह स्वीकार किया कि वह रकम प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के सुप्रीमो दिनेश गोप के हैं।

नंद किशोर उन पैसों को पेट्रोल व डीजल की बिक्री के नाम पर अपने खाते में जमा करने वाला था।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आठ नवंबर को 500 रुपये तथा 1,000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद नक्सली अपने काले धन को सफेद करने के लिए सफेदपोशों के खातों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि नक्सली प्रभाव वाले इलाकों में रहने वाले ठेकेदार, पेट्रोल पंप मालिक, खनन क्षेत्र के ठेकेदार, अधिकारी व नेताओं पर पैनी नजर रखी जा रही है।

–आईएएनएस

(फाइल फोटो)