Flood

दो दिनों में बादल फटने से 60 से ज्यादा लोग मरे, बाढ की स्थिति गंभीर

नई दिल्ली, 14 अगस्त (जनसमा)। पिछले दो दिनों में लगभग 60 लोगों की बादल फटने के कारण मौत के समाचार हैं इनमें 49 हिमाचल में और 11 उत्तराखण्ड में बताये जारहे हैं। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ इलाके में भी सोमवार तडके बादल फटने से कई लोगों की मौत होगई है।

देश के कुछ राज्यों में बाढ की स्थिति अत्यंत गंभीर है इनमें असम, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तराखण्ड के बडे इलाके शामिल हैं। बचाव कार्यो के लिए सेना, एनडीआरएफ और एसबीआरएफ बलों को तैनात किया गया है।

केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा, पुनपुन, घाघ्ररा, गंडक, बुढी गंडक, कोशी, महानन्दा, कमला, अधवारा और बागमती नदियों में जल का स्तर बढ रहा है। कुछ इलाकों में यह ख्तरे के निशान से उूपर बह रहा है।  आयोग की विज्ञप्ति के अनुसार सोमवार सवेरे तक बिहार की सभी नदियों के जलसंग्रहण क्षेत्रों में साधारण से म/यम बारिश होने की संभावना है।

बिहार में पिछले 24 घंटों में भारी बारिश से पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज सीमावर्ती जिलों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई है। नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से भी बाढ़ की स्थिति और बिगड़ गई है।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से बचाव और राहत कार्यों के लिए सहायता का अनुरोध किया है।

देश के बाढ पीडित राज्यों में  राहत और बचाव कार्यों के लिए सेना को भी लगाया गया है। एनडीआरएफ के जवान पूर्णिया और कटिहार में बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

असम  के 21 जिलों के 22 लाख से ज्‍यादा लोग प्रभावित हैं। नौगांव जिले में हाथीमुरा कस्‍बे में दरार आने से तीस गांव बाढ़ की चपेट में हैं। ब्रह्मपुत्र सहित कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं।

प्रदेश के 21 जिलों के दो हजार से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। एक लाख हैक्‍टेयर से ज्‍यादा कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में है। धीमाजी, कोकराझार, धुबरी और बोगंई गांव सबसे ज्‍यादा प्रभावित जिलों में से हैं।

बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के अनुसार कनकई नदी का जलस्तर अचानक बढ जाने से मजकुरी और जहानपुर तटबंध पर बांध एवं एनएच 63 के मिलन बिन्दु के पास पानी बांध के उूपर से बह रहा है औ बांध की दीवार 20 मीटर लंबाई में क्षतिग्रस्त होगई है। इसे ठीक करने का काम भी जारी है।

रविवार सुबह तक के 24 घंटों में सबसे अधिक बारिश बिहार में वीर पुर में 454 मिमी तथा खड्डा में 365 मिमी रिकार्ड की गई है।