70 फीसदी लोग मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में : सर्वे

नई दिल्ली, 2 सितम्बर | कुल 70 फीसदी भारतीय खासकर युवा वर्ष 2019 में नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री चुनने के पक्ष में हैं, वहीं करीब 64 फीसदी महिलाएं इसकी पक्षधर हैं। शुक्रवार को जारी एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ है। यह सर्वेक्षण न्यूज एप इनशॉर्ट्स ने विपणन एजेंसी इपसॉस के सहयोग से किया। सर्वेक्षण के मुताबिक, नरेंद्र मोदी को दोबारा सत्ता में लाने के सवाल पर 63,141 उपयोगकर्ताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी। 70 फीसदी ने ‘हां’, 17 फीसदी ने ‘नहीं’ तथा 13 फीसदी ने ‘पता नहीं’ में जवाब दिया। यह सर्वेक्षण एप पर ही किया गया।

‘यूथ ऑफ द नेशन पोल’ के द्वितीय संस्करण के मुताबिक, 64 फीसदी महिलाओं ने मोदी को दोबारा सत्ता में लाने के लिए ‘हां’ में जवाब दिया, 18 फीसदी ने ‘नहीं’ तथा 18 फीसदी ने ‘पता नहीं’ में जवाब दिया।

यह सर्वेक्षण 25 जुलाई से 17 अगस्त के बीच किया गया। इसमें हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों की आयु 35 वर्ष से कम थी।

इनशॉर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) तथा सह-संस्थापक अजहर इकबाल ने कहा, “शासन, राजनीति, व्यापार, करियर व प्रौद्योगिकी, उद्देश्य पर युवा शहरी भारत का दृष्टिकोण पेश कर हम काफी प्रसन्न हैं।”

सर्वेक्षण में आधे से अधिक (57 फीसदी) प्रतिभागी देश के कुछ राज्यों में शराबबंदी के पक्ष में हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या कॉलेज परिसर में छात्र राजनीति को बंद कर देना चाहिए, 61 फीसदी ने ‘हां’, 32 फीसदी ने ‘नहीं’ तथा सात फीसदी लोगों ने ‘कह नहीं सकते’ में जवाब दिया।

वहीं छात्रों में 54 फीसदी ने ‘हां’, 37 फीसदी ने ‘नहीं’ तथा नौ फीसदी ने ‘कह नहीं सकते’ में जवाब दिया।

यह पूछे जाने पर कि क्या बीते दो वर्षो में दलितों व अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार में इजाफा हुआ है, 33 फीसदी ने ‘हां’, 46 फीसदी ने ‘नहीं’ तथा 21 फीसदी ने ‘कह नहीं सकते’ में जवाब दिया।

इप्सोस इंडिया के सीईओ अमित आदरकर ने कहा कि जिस तरीके से युवा देश के विभिन्न मुद्दों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, उसमें पैनापन है।

आदरकर ने कहा, “चाहे जो हो आखिरकार ये युवा प्रौद्योगिकी संपन्न व विचार रखने वाले हैं तथा उनका विचार मायने रखता है।”

हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद कश्मीर में बिगड़े हालात से जिस तरह से केंद्र सरकार ने निपटा, उसपर 49 फीसदी प्रतिभागियों ने मुहर लगाई, जबकि 24 फीसदी ने इसपर सवाल उठाए।–आईएएनएस