उत्तराखण्ड : विकलांगों को मिलेगा अधिकार पत्र

देहरादून, 9 अगस्त (जस)। उत्तराखण्ड राज्य में विकलांग अधिकार पत्र की व्यवस्था की जाएगी। इसमें विकलांगजनों को राज्य सरकार से मिलने वाले अधिकारों व सुविधाओं का जिक्र होगा। विक्षिप्त व्यक्तियों की पत्नियों को दी जाने वाली पेंशन की राशि को 1200 रूपए से बढ़ाकर 1500 रूपए किया जाएगा। न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में हरियाली तीज पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उक्त घोषणाएं कीं।

रावत ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन महिला सशक्तीकरण से ही सम्भव है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कई महत्वूपर्ण पहलें की गई हैं। गांवगांव में महिला उद्यमी तैयार करने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत् आजीविका योजना’’ प्रारम्भ की गई है। महिला स्वयं सहायता समूहों व महिला मंगल दलों की विकास में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तीकरण योजना’ प्रारम्भ करते हुए, इस वर्ष हम 12 हजार से अधिक महिला स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि परम्परागत फसलों व हस्तशिल्प में कार्यरत महिला स्वयं सहायता समूहों को उनके वार्षिक टर्न ओवर पर 5 प्रतिशत का बोनस दिया जाएगा। साथ ही 5 हजार रूपए की सीड कैपिटल उपलब्ध करवाते हुए इनके बैंक खाते राज्य सरकार खुलवाएगी। हम दो महिला उद्यमिता पार्क स्थापित करने जा रहे हैं। महिला उद्यमियों व महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए उद्यमिताहाट बनाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि हमने लैंगिक असमानता दूर करने के लिए ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजना शुरू की है। कन्याधन योजना, गौरादेवी कन्याधन योजना की सहायता राशि में बढ़ोतरी की गई है। गर्भवती बहनों को विशेष पौष्टिक तत्वोंयुक्त अनाज, मंडुवा, भट्ट व नमक उपलब्ध करवाया जा रहा है। इससे जच्चाबच्चा मृत्यु दर में कमी देखने को मिली है। ’हमारे बुजुर्गहमारे तीर्थ’ के तहत, हम चार धामों के अतिरिक्त, श्री नानकमत्ता, श्री रीठासाहिब, कलियर शरीफ व सम्मेदशिखर एवं निजामुद्दीन औलिया की दरगाह की यात्रा को भी सम्मिलित कर चुके हैं।