गरीबों के काम की चीजें जीएसटी से बाहर : मोदी

नई दिल्ली, 8 अगस्त (जस)।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक से गरीबों के काम की चीजें और जरूरी दवाइयां बाहर रहेंगी। उन्होंने कहा कि छोटे उद्यमियों को बैंकों से ऋण लेने में बहुत तरह की समस्याएं आती हैं और उनसे पचास तरह के कागज मांगे जाते हैं। जीएसटी बिल में यह व्यवस्था है कि हर व्यक्ति का आर्थिक खाका तैयार होगा और वह बैंक में सबूत के तौर दिखा सकेगा।

मोदी ने लोकसभा में जीएसटी विधेयक में संशोधनों पर बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि इस विधेयक के पारित होने से यह संदेश जाएगा कि उपभोक्ता राजा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी की सबसे बड़ी ताकत है ‘रियल टाइम डाटा’ जिसे सबूत के रूप में पेश करने में कभी दिक्कत नहीं होगी।

नरेन्द्र मोदी ने कहा कि हमारे देश में कच्चे बिल और पक्के बिल की परंपरा है और यह बहुत पॉपुलर है। जीएसटी के कारण व्यापारी पक्का बिल बनाने के लिए स्वयं प्रेरित होगा। जीएसटी में यह व्यवस्था है कि जिन लोगों का रिफंड लेना है उनके लिए यह व्यवस्था कारगर होगी। इससे कालेधन और भ्रष्टाचार को बंद करने में मदद मिलेगी।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बिल से गरीबी से लड़ने और शैक्षिक उत्थान के लिए माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी। इस बिल में इस तरह की व्यवस्था है कि राज्य सरकारों और केंद्र आर्थिक आंकड़े एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पूर्वी हिस्से के विकास के बिना देश का आर्थिक विकास संभव नहीं है। जीएसटी के लागू होने के बाद सभी राज्यों का विकास एक स्तर पर होगा और जिन राज्यों को लाभ होगा उन्हें वह धन अपने मूलभूत काम में लगाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्यों और केन्द्र के बीच करों से होने वाली आय और प्राकृतिक संसाधनों को लेकर तनाव होता है लेकिन जीएसटी के लागू हो जाने से पारदर्शिता आएगी और कहां कितना पैसा है, यह सब को पता रहेगा। इससे देश के संघीय ढांचे में विश्वास पैदा होगा।

मोदी ने कहा कि इस बिल में गरीबों के लिए जितनी उपयोगी चीजें हैं और दवाएं हैं, वह सभी टैक्स के दायरे से बाहर रखी गई हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कहा गया है कि वह मुद्रा-स्फीति की दर चार प्रतिशत तक रखे। इससे ग्रोथ और इंफ्लेशन को जोड़कर देखा जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि अभी तक देश में कर वसूल करने वालों की एक बड़ी फौज है। अब करदाता और करवसूल करने वालों के बीच ‘ह्यूमन इंटरफेरेंस’ नहीं होगा। यह प्रक्रिया भ्रष्टाचार मुक्त होगी।

मोदी ने बताया कि इस नई व्यवस्था में कच्चे माल से लेकर प्रोडक्ट बन जाने तक का डाटा दर्ज होगा जिससे कर की चोरी पकड़ी जा सकेगी और यह व्यवस्था लाभ देगी। यह व्यवस्था ऐसी बनेगी कि व्यापारी को उसकी ईमानदारी से मुनाफा मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने अपना भाषण समाप्त करते हुए कहा कि इस व्यवस्था को बनाने में सभी दलों की भूमिका रही है और इसका यश सभी को जाता है।

उन्होंने कहा कि सरकार को बने सौ सप्ताह हुए हैं और इतने समय में 100 से ज्यादा नए कानून पास किए गए हैं और यह भारत के लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।

मोदी ने सभी सदस्यों और राजनीतिक दलों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।

मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ से पहले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के साथ की।

मोदी ने कहा, “ऐसे समय में जब हम उन्हें (स्वतंत्रता सेनानियों) याद कर रहे हैं, संसद के दोनों सदन, सांसद मिलकर कर आतंकवाद से छुटकारा पाने की दिशा में एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं।”

राज्यसभा ने पिछले सप्ताह सर्वसम्मति से संविधान संशोधन विधेयक पारित कर दिया था, जिसके बाद पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था लागू करने का रास्ता साफ हो गया।

सरकार ने पहले लोकसभा में पारित विधेयक में संशोधन पेश किए, जिसमें विपक्षी दलों की चिंताएं शामिल की गई थीं।

-जस ब्यूरो के साथ आईएएनएस