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यमुना के जल का उपयोग करने वाले राज्यों के बीच समझौते को मंजूरी

हरियाणा मंत्रिमण्डल ने यमुना और उसकी सहायक नदियों के जल का उपयोग करने वाले राज्यों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दे दी।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में 21 दिसंबर.का चंडीगढ़ में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यमुना नदी और इसकी दो सहायक नदियों पर किशाऊ और रेणुका बहुउद्देशीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए नदियों के जल का उपयोग करने वाले राज्यों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी गई।

हरियाणा का यमुना के पानी में 47.8 प्रतिशत हिस्सा है।

मंत्रिमंडल ने लखवार परियोजना के समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की स्वीकृति प्रदान की।

इन तीन बहुउद्देशीय परियोजनाओं का निर्माण यमुना नदी और इसकी दो सहायक नदियों नामत गिरी और टोंस पर किया जाना प्रस्तावित है।

इन परियोजनाओं को अब राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं के रूप में घोषित किया गया है और इन परियोजनाओं के जल घटक का 90 प्रतिशत वित्त पोषण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

जल घटक की शेष दस प्रतिशत राशि को नदियों के पानी का उपयोग करने वाले राज्यों द्वारा अपने हिस्से के पानी के अनुपात में वहन किया जाएगा। हरियाणा का यमुना के पानी में 47.8 प्रतिशत हिस्सा है।

मुख्यमंत्री राज्य के हित में 28 अगस्त, 2018 को पहले ही लखवार परियोजना के समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। शेष दो समझौता ज्ञापन निकट भविष्य में हस्ताक्षरित किए जाने की सम्भावना है।

समझौता ज्ञापन के अनुसार उपरोक्त बांधों में हरियाणा का हिस्सा लगभग इस प्रकार है –

लखवार – 177 क्यूसिक

किशाऊ – 709 क्यूसिक

रेणुका – 266 क्यूसिक

इस प्रकार इन बांधों के निर्माण से हरियाणा को लगभग 1152.00 क्यूसिक अतिरिक्त पानी मिलेगा।