कांग्रेस का दामन छोड़ भाजपा में शामिल हुईं बरखा सिंह

नई दिल्ली, 22 अप्रैल। दिल्‍ली महिला कांग्रेस की पूर्व अध्‍यक्ष बरखा शुक्‍ला सिंह शनिवार को बीजेपी में शामिल हो गईं। एक दिन पहले ही कांग्रेस से निकाली गई बरखा शुक्ला सिंह दोपहर करीब 1 बजे बीजेपी में शामिल हो गईं। बरखा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली के पार्टी प्रभारी श्याम जाजू की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुईं। इस मौके पर खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री विजय गोयल भी मौजूद रहे।

सूत्रों के मुताबिक इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बरखा की शुक्रवार को मुलाक़ात भी हुई। एमसीडी चुनाव से ऐन पहले दिल्‍ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष अरविंदर लवली के बाद बरखा का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। रविवार यानी 23 अप्रैल को एमसीडी के 272 वार्डों के लिए मतदान होने जा रहा है।

भाजपा में शामिल होने के बाद बरखा ने , “मैंने जमीनी स्तर पर काम करने के लिए भाजपा का दामन थामा है।” भाजपा सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए बरखा सिंह ने कहा, “भाजपा बढ़िया काम कर रही है। भाजपा वह कर रही है जो पहले कभी कांग्रेस किया करती थी।”

उन्होंने कहा, “लेकिन अब कांग्रेस की विचारधारा मर चुकी है… मैं जब दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष थी तब मैं ऐसी मुस्लिम महिलाओं से मिलती रहती थी, जो तीन तलाक से पीड़ित थीं। जब मैंने तीन तलाक पर सवाल खड़ा किया तो मेरी पार्टी (कांग्रेस) ने मुझसे इस मुद्दे से दूर रहने के लिए कह दिया। मोदीजी इस पर काम कर रहे हैं।”

इससे पहले दिल्ली महिला कांग्रेस की अध्यक्ष बरखा सिंह ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया और राहुल गांधी एवं अजय माकन सहित पार्टी नेताओं पर हमला बोला। उल्‍लेखनीय है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाने वाली बरखा शुक्ला सिंह को कांग्रेस ने शुक्रवार को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर किया गया। इस मुद्दे पर बरखा शुक्ला सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने पार्टी से निकालकर दिमागी दिवालियापन का सबूत दिया है। पार्टी में कोई भी बोलने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है। निकालने के फरमान पर करारा जवाब देंगे।

बरखा सिंह ने कहा, “मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी थी।”

बरखा ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) की महिला इकाई के पद से इस्तीफा देते हुए कहा था, “राहुल गांधी पार्टी का नेतृत्व करने के योग्य नहीं हैं।”