Nitish Kumar

प्रश्न-पत्र और उत्तर लीक होने के कारण बिहार में बीएसएससी परीक्षा रद्द

पटना, 8 फरवरी | बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) की इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा में प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने के मामले में अहम सबूत मिलने के बाद बिहार सरकार ने बुधवार को परीक्षा रद्द करने का निर्णय ले लिया। इस बीच मामले की जांच में जुटी विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम तथा आयोग के डाटा एंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इधर, बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जांच टीम पर ही सवाल खड़ा करते हुए सरकार से पूछा है कि क्या इसमें संलिप्त बड़े लोगों तक भी कानून और एसआइटी के हाथ पहुंचेंगे?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा कि मुख्य सचिव की अनुशंसा के बाद सरकार ने बीएसएससी की इंटर स्तरीय पदों के लिए हो चुकी तथा होने वाली परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया है।

इससे पहले पटना प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) नैयर हसनैन खां ने बताया कि एसआइटी की मंगलवार देर रात सचिव के आवास में की गई छापेमारी के दौरान कई अहम सुराग मिलने बाद उन्हें तथा डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि एसआइटी पूरी तरह सक्रिय है और लगातार संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।

इधर, पुलिस सूत्रों के अनुसार, नवादा जिले के हिसुआ से भी इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

उल्लेखनीय है कि एसआइटी की टीम ने मंगलवार को सुबह से शाम तक इस मामले की छानबीन की और इस दौरान पेपर लीक की प्रारंभिक पुष्टि के बाद आयोग के सचिव परमेश्वर राम के अगमकुआं थाने के भागवत नगर स्थित आवास पर छापेमारी की गई थी।

छापेमारी में एसआईटी के हाथ कई महत्वपूर्ण कागजात हाथ लगे, जिसकी जांच के बाद सचिव को गिरफ्तार कर लिया गया।

इधर, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रश्न-पत्र लीक मामले को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “एसआइटी का अनुमान है कि बीएसएससी परीक्षाओं का पर्चा लीक कराने में 200 करोड़ रुपये का खेल हुआ है। जिस रैकेट में 100 से ज्यादा मोबाइल नंबर का उपयोग कर हर परीक्षार्थी से दो से छह लाख रुपये तक वसूले गए हों, वह क्या सत्ता केंद्रों की हिस्सेदारी के बिना संभव हुआ होगा?”

उन्होंने लिखा, “क्या एसआइटी और कानून के हाथ बड़े लोगों तक पहुंचेंगे?”

गौरतलब है कि आयोग ने इंटर (12वीं) स्तरीय पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा को चार तिथियों को लेने की घोषणा की थी। दो परीक्षाएं 29 जनवरी और पांच फरवरी को हो चुकी हैं, जबकि अन्य परीक्षाएं 19 फरवरी और 26 फरवरी को होनी थी।

पहले दो चरणों में हुई परीक्षा के प्रश्न-पत्र और उसके उत्तर लीक होने तथा सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भी आयोग ने लीकेज मानने से इंकार कर दिया था। परीक्षार्थियों ने परीक्षा देने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्न-पत्रों में एक सेट को सही बताते रहे।

इस क्रम में छात्रों ने सोमवार को परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया था। इस दौरान आक्रोशित छात्रों ने बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम के साथ धक्का-मुक्की भी की थी।

इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की जांच करने का निर्देश दिया। इसके बाद पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया था।

उल्लेखनीय है कि पिछले साल बिहार में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा परिणाम के बाद टॉपर्स घोटाला प्रकाश में आया था। इसके बाद समिति के कई अधिकारियों और पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।

–आईएएनएस