Delhi High Court

संयोग : देश के चारों बड़े हाईकोर्ट का नेतृत्व महिला जजों के हाथ में

नई दिल्ली, 08 अप्रैल (जनसमा)। न्यायिक सेवा में अधिकतर उच्च पदों पर जहां पुरुष काबिज हैं, वहीं पहली बार एक ऐसा संयोग बना है, जो आपने आप में थोड़ा हैरान करने के साथ ही सुखद भी है। देश में पहली बार चारों बड़े और सबसे पुराने हाई कोर्ट्स बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस महिलाएं हैं।

ये सुखद संयोग बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस के पद पर काबिज महिलाओं की वजह से बना है। मद्रास हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस के तौर पर इंदिरा बनर्जी की नियुक्ति के साथ ही देश की महिलाओं के नाम यह इतिहास दर्ज हो गया। ये बात इतनी ख़ास इसलिए है क्योंकि न्यायिक सेवा में ज्यादातर उच्च पदों पर अब तक पुरुषों का ही वर्चस्व दिखता है। मद्रास हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस को मिलाकर कुल 6 महिला जज हैं, जबकि 53 पुरुष जज हैं।

वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट में देश के सभी उच्च न्यायालयों से ज्यादा महिलाएं है। यहां 61 पुरुष जज हैं, तो वहीं 11 जज महिलाएं हैं। मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट में नंबर दो की पोजिशन पर भी एक महिला जस्टिस वी एम ताहिलरामनी हैं।

कलकत्ता हाई कोर्ट की कार्यकारी चीफ जस्टिस निशिता निर्मल इस पद पर 1 दिंसबर 2016 से हैं। लेकिन यहां सिर्फ 4 महिला जज हैं, जबकि पुरुष जजों की संख्या 35 है।

दिल्ली हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस जी. रोहिणी अप्रैल 2014 से इस पद पर हैं. दिल्ली हाई कोर्ट में महिला जजों की संख्या 9 है, जबकि पुरुष जजों की संख्या 35 है। यहां भी नंबर दो की पोजिशन पर महिला जज जस्टिस गीता मित्तल हैं।

देशभर के 24 हाई कोर्ट के 632 जजों में सिर्फ 68 महिलाएं है। 28 जजों वाले सुप्रीम कोर्ट में भी सिर्फ एक महिला जज जस्टिस आर. भानुमति हैं।

फोटो : दिल्ली हाईकोर्ट।