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भविष्‍य में सभी चुनाव ईवीएम और वीवीपीएटी से कराने का निर्णय

नई दिल्ली, 18 अगस्त (जनसमा)।  निर्वाचन आयोग ने  भविष्‍य में सभी चुनाव इलेक्‍ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से कराने का निर्णय  लिया है। इसे ध्‍यान में रखते हुए  वीवीपीएटी प्रणाली के बारे में विस्‍तृत प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित करने की जरूरत है ।

यह जानकारी  भारत के मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ए.के. जोटी ने देश के सभी राज्‍यों और केन्‍द्र शासित प्रदेशों के मुख्‍य चुनाव अधिकारियों के दो दिन के सम्‍मेलन का उद्घाटन करते हुए दी।  इसका उद्देश्‍य चुनाव तंत्र के काम-काज की समीक्षा करना, नयी पहल के बारे में पता लगाना और चुनाव प्रबंधन में सुधार लाना तथा तथा मतदाताओं के वोट डालने के अनुभव को बेहतर बनाना है।

फाइल फोटो  मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त ए.के. जोटी 

शुक्रवार को नई दिल्‍ली में शुरू हुए सम्मेलन में उन्होंने कहा कि  वीवीपीएटी में मतदाता कागज पर अपने वोट का खुद सत्‍यापन कर सकता है।

उन्‍होंने यह भी कहा कि चुनाव प्रबंधन में सिस्‍टमेटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्‍ट्रोरल पार्टिसिपेशन (एसवीईईपी) यानी मतदाताओं को व्‍यवस्थिति रूप से शिक्षित करके चुनाव में उनकी भागीदारी पर विशेष रूप से बल दिया जाना चाहिए।

भारत के चुनाव आयुक्‍त ओ.पी. रावत ने सभी मुख्‍य चुनाव अधिकारियों का आह्वान किया कि इस सम्‍मेलन में उन्‍हें एक-दूसरे के अनुभवों को साझा करने और चुनाव से संबंधित बेहतर तौर-तरीकों को अपनाने का जो अवसर मिल रहा है उसका वे पूरा फायदा उठाएं।

रावत ने कहा कि चुनाव से जुड़े तमाम अधिकारियों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि चुनावों में और अधिक प्रामाणिकता आए और भारतीय लोकतंत्र अधिक सुदृढ़ हो सके।

वरिष्‍ठ निर्वाचन उपायुक्‍त उमेश सिन्‍हा और  विजय देव; निर्वाचन उपायुक्‍त  संदीप सक्‍सेना और सुदीप जैन; और महानिदेशक दिलीप शर्मा और डी. ओझा समेत निर्वाचन आयोग के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों ने भी सम्‍मेलन में हिस्‍सा लिया और ईवीएम व वीवीपीएटी, इलेक्‍ट्रोरल रजिस्‍ट्रेशन ऑफिसर्स नेट (चुनाव पंजीकरण अधिकारियों का नेट), मतदाता सूचियां, व्‍यवस्थिति मतदाता शिक्षा और चुनाव भागीदारी (एसवीईईपी), चुनाव खर्च निगरानी, सोशल मीडिया, पेड न्‍यूज जैसे कई मुद्दों पर प्रेजेंटेशन प्रस्‍तुत किये।