हिमाचल की संस्कृति और परम्पराओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता : वीरभद्र

शिमला , 05 जून (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है, जहां लोगों का जीवन देवी-देवताओं के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की संस्कृति एवं परम्पराएं समृद्ध हैं, जिन्हें आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और राज्य सरकार इस दिशा में दृढ़ संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में शाताधार जैसे ऐतिहासिक एवं धार्मिक पृष्ठभूमि के अनेकों खूबसूरत व रमणीय स्थल हैं, जिन्हें निकट भविष्य में पर्यटन गतिविधियों के लिए विकसित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सोमवार को मण्डी जिले के सिराज क्षेत्र के शाताधार में नवनिर्मित शैटी नाग देवता मंदिर में शैटी नाग की प्रतिमा की प्रतिष्ठा रस्म के अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

वीरभद्र ने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य के ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थलों के विकास तथा उन्हें लोकप्रिय बनाने तथा स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के पर्याप्त अवसर सृजित करने पर विशेष बल दे रही है।

उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार ने इस पर्वतीय राज्य की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए अनेक प्रभावी कदम उठाए हैं तथा ऐसे स्थानों को सड़क सुविधा से जोड़ने के अतिरिक्त श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए अन्य बुनियादी सुविधाओं का सृजन भी किया जा रहा है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि शाताधार को राज्य के प्रमुख पर्यटन गणतव्य के रूप में विकसित किया जाएगा।