Dhadkai, a village of deaf and dumb people, is in Jammu and Kashmir

जम्मू कश्मीर में है मूक बधिरों का गांव धड़कई

जम्मू, 17 अप्रैल। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में मूक-बधिरओं का एक ऐसा गांव है जिसे खामोश गांव (silent village) के नाम से जाना जाता है।

गंदोह तहसील के खामोश रहनेवाले गांव धड़कई में लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनज़र दिव्यांग मतदाताओं को सक्षम बनाने के उद्देश्य से 16 अप्रैल को व्यवस्थित मतदाता शिक्षा और चुनावी भागीदारी कार्यक्रम (Systematic Voters’ Education and Electoral Participation) जिसे SVEEP भी कहते हैं, आयोजित किया गया।

जिला चुनाव अधिकारी (डीईए) डोडा ने जिला निर्वाचन अधिकारी, हरविंदर सिंह के मार्गदर्शन में, आज एक महत्वपूर्ण व्यवस्थित मतदाता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस धड़कई गांव में 47 परिवार ऐसे हैं जो न तो बोल सकते हैं और न ही सुन सकते हैं।

इसके लिए एक समुदाय का निवास चुना गया, जिसके अधिकांश सदस्य बोलने और सुनने की क्षमता से जूझ रहे हैं। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मूक बधिर समुदाय 19 अप्रैल, 2024 को होने वाले मतदान कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग ले सके ।

इस पहल के दौरान सब डिविजनल मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, ब्लॉक विकास अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारियों भी उपस्थित थे।

भारत के ‘मूक गांव’ के नाम से मशहूर इस गांव के मूक-बधिर मतदाताओं में उत्साह देखते ही बन रहा था। संचार बाधाओं का सामना करने के बावजूद, मतदान के माध्यम से लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करने का उनका दृढ़ संकल्प वास्तव में सराहनीय था।

यह आयोजन समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांग लोगों के समावेश को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, धड़कई में बहरे और गूंगे मतदाताओं का समर्पण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में निहित लचीलेपन और ताकत की मार्मिक याद दिलाता है।