चीन की अर्थव्यवस्था सुदृढ़, भारत भी आगे बढ़ रहा है : जेटली

नई दिल्ली, 2 अप्रैल (जस)|  “चीन की अर्थव्यवस्था सुदृढ़ बनी हुई है। भारत भी सुदृढ़ विकास दर के साथ आगे बढ़ रहा है। रूस और ब्राजील जो 2016 में नकारात्मक वृद्धि क्षेत्र में थे, उनमें भी 2017 और 2018 में सकारात्मक वृद्धि होने की उम्मीद है। ब्रिक्स देशों से खबरें उत्साहवर्द्धक हैं। ईएमडीईज़ का चालू वर्ष के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक योगदान रहने की उम्मीद है। उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (ईएमडीईज़) में समग्र वृद्धि बढ़ रही है, हालांकि अलग अलग देशों में विकास की संभावनाएं भिन्न भिन्न हैं।”

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यहां शनिवार को विकासशील अर्थव्यवस्थाओं  का विवेचन करते हुए कहा कि आर्थिक सुधार के लिए कई कदम उठाए गए हैं, इसलिए अगले दो वर्षो में भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से विकसित होने की संभावना है।

Photo : The Union Minister for Finance, Corporate Affairs and Defence, Shri Arun Jaitley delivering the Keynote address at the Opening Ceremony of the Second New Development Bank (NDB) Annual Board of Governors’ Meeting, in New Delhi on April 01, 2017.

यहां न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की द्वितीय सालाना बैठक के दौरान जेटली ने कहा, “हालांकि, यह काफी चुनौतीपूर्ण समय है, लेकिन भारत की स्थिति हमेशा से बेहतर रही है। हमने सफलतापूर्वक सुधार कदमों को लागू किया है। देश की अर्थव्यवस्था 2017 में 7.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है और साल 2017 तथा 2018 में यह वृद्धि दर 7.7 फीसदी हो सकती है।”

जेटली ने कहा “अनुमान लगाया गया कि 2017 में वैश्विक विकास दर बढ़ कर 3.4 प्रतिशत और 2018 में बढ़ कर 3.6 प्रतिशत हो जाएगी। राजकोषीय पैकेज की उम्मीद से सीमित अमरीकी अर्थव्यवस्था में जबर्दस्त बहाली हुई और यह पूर्ण रोजगार की तरफ बढ़ रही है। अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं से भी अच्छी खबर मिली, जैसे स्पेन और इंग्लैंड, जहां ब्रेग्जिट वोट के प्रभाव के बाद घरेलू मांग में उम्मीद से भी अधिक इजाफा हुआ, लेकिन यह भी अधूरी कहानी रही, क्योंकि कुछ अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मांग अभी भी स्थिर बनी हुई थी, उनमें गैर-निष्पादक ऋणों का स्तर बहुत ऊंचा था और भावी विकास को लेकर अनिश्चय की स्थिति बनी हुई थी।”

उन्होंने कहा कि  वैश्विक परिदृश्य की चुनौतियों के बीच अवसर भी निहित हैं। ईएमडीईज़ में ढाचागत क्षेत्र में निवेश के लिए पूरी न की गई अनुमानित मांग अत्यंत विशाल है। विश्व बैंक के अनुसार इन देशों में ढांचागत क्षेत्र की मांग एक ट्रिलियन अमरीकी डॉलर वार्षिक से अधिक है।

जेटली ने कहा  कि सितम्बर 2015 में एनडीबी की स्थापना के बाद से इसके अध्यक्ष कामथ और उनकी टीम ने सराहनीय कार्य किया है। किसी भी संस्थान के संगठनात्मक वर्ष आसान नहीं होते। एनडीबी इन चुनौतियों से सफलतापूर्वक उभर कर बेहतर परिणाम दर्शा रहा है। यह खुशी की बाद है कि बैंक ने पूर्ण प्रचालन शुरू कर दिया है।