GDP

वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 8.2% तक पहुंची

देश में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि 8.2% तक पहुंच गई है।

वित्त सचिव हसमुख आधिया ने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद  (जीडीपी) की 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर स्पष्ट रूप से इंगित करती है कि जीएसटी जैसे कई संरचनात्मक सुधारों ने अच्छे लाभांश देना शुरू कर दिया है।

वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल-जून की पहली तिमाही के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत तक पहुंच गई। पिछली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत थी, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष ;2017-18 की पहली तिमाही में 5.59 प्रतिशत थी।

आधिया ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में  कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि भी व्यापक मांग की वसूली का संकेत देती है।

हसमुख आधिया  ने कहा कि यह पिछले चार तिमाहियों में आर्थिक सुधार की उल्लेखनीय गति रही है।

प्रधान मंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ बिबेक देबराॅय ने भी सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत का स्वागत किया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार डॉ बिबेक देबराॅय ने इस सकारात्मक प्रवृत्ति को संरचनात्मक सुधारों और चल रही नीति  के प्रभावी कार्यान्वयन का परिणाम है।

उन्होंने यह भी कहा कि बुनियादी ढांचे क्षेत्र में पूंजीगत व्यय को बढ़ावा देने और बुनियादी वस्तुओं और सेवाओं के सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के लिए कई पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किये जाने से न केवल इस विकास में योगदान दिया है बल्कि इसकी गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।

भारत सरकार के मासिक खाते

जुलाई 2018 तक भारत की केंद्र सरकार के मासिक खाते को समेकित किया गया है और रिपोर्टों को प्रकाशित किया गया है। इसमें उल्लिखित मुख्य बातों का उल्लेख नीचे किया गया है : –

भारत सरकार ने जुलाई 2018 तक 3,49,467 करोड़ रुपये (कुल प्राप्तियों के तदनुरूप बजट अनुमान 18-19 का 19.22 प्रतिशत) प्राप्त किए हैं जिनमें 292611 करोड़ रुपये का कर राजस्व, 43125 करोड़ रुपये का गैर-कर राजस्व और 13731 करोड़ रुपये की गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं।

गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियों में ऋणों की वसूली (4512 करोड़ रुपये) और पीएसयू का विनिवेश (9219 करोड़ रुपये) शामिल हैं।

इस अवधि तक भारत सरकार द्वारा करों की हिस्सेदारी के अंतरण के रूप में राज्य सरकारों को 212,414 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए हैं, जो पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि की तुलना में 19686 करोड़ रुपये अधिक है।

भारत सरकार द्वारा किया गया कुल खर्च 889,724 करोड़ रुपये (तदनुरूप बजट अनुमान 18-19 का 36.43 प्रतिशत) है जिनमें से 778,387 करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 111,337 करोड़ रुपये पूंजी खाते में हैं।

कुल राजस्व खर्च में से 1,80,844 करोड़ रुपये ब्याज भुगतान के मद में और 141682 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडियों के मद में व्यय किए गए हैं।