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सरकार ने नागरिकों से ड्रोन के उपयोग के लिए सुझाव मांगे

सरकार ने नागरिकों से ड्रोन के उपयोग के लिए सुझाव मांगे  हैं। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम (Remotely Piloted Aircraft Systems) अर्थात ड्रोन के नागरिक उपयोग हेतु नियमों के मसौदे की घोषणा की है। मसौदा एक माह की अवधि के लिए उपलब्ध है और इस मामले में आम लोगों से मसौदे पर सुझाव और प्रतिक्रियाऐं भी आमंत्रित हैं।

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गज़पति राजू और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने मसौदा अधिनियम की जानकारी मीडिया को दी।

पायलेट रहित एयर क्राफ्ट सिस्टम मसौदे के अनुसार ड्रोन को अधिकतम वजन ले जाने के आधार पर निम्नलिखित प्रकार से वर्गीकृत किया गया है:

नैनो – 250 ग्राम से कम या बराबर
माइक्रो – 250 ग्राम से अधिक और 2 किलो से कम या बराबर
मिनी – 2 किलो से अधिक और 25 किलो से कम या बराबर
स्मॉल – 25 किलो से अधिक और 150 से कम या बराबर
लार्ज – 150 किलो से अधिक

मसौदे के प्रारूप के अनुसार सभी तरह के ड्रोन दृश्य रेखा में और केवल दिन में ही उडाये जा सकेंगे जिसकी ऊंचाई 200 फीट से अधिक नहीं होगी। ड्रोन के माध्यम से किसी भी तरह की खतरनाक सामग्री, पशु अथवा मानव को लाने या ले जाने की अनुमति नहीं है।

नैनो श्रेणी और सरकारी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा संचालित ड्रोन के अलावा सभी तरह के व्यवसायिक ड्रोन का पंजीकरण आईसीएओ की प्रस्तावित नीति के अनुसार विशिष्ट पहचान संख्या (यूआईएन) के रूप में डीजीसीए द्वारा पंजीकृत कराना होगा।

ड्रोन फोटो यूट्यूब से साभार

मिनी और उससे ऊपर की श्रेणियों के लिए मानव रहित एयर क्राफ्ट संचालक अनुज्ञा पत्र (यूएओपी) की आवश्यकता होगी लेकिन शैक्षिक संस्थान परिसरों के भीतर 200 फीट से नीचे उड़ाये जाने वाले अधिकतम 2 किलो ग्राम वजन तक के मॉडल एयर क्राफ्ट के लिए यूआईएन/यूएओपी की आवश्यकता नहीं होगी।

मसौदा अधिनियम में नैनो और माइक्रो श्रेणियों के अलावा ट्रीमोट पायलटों को अनिवार्य किया गया है। मसौदा अधिनियम के अनुसार माइक्रो और इससे ऊपर की श्रेणियों में आरएफआईडी/एसआईएम के साथ-साथ घर वापसी के विकल्प और दुर्घटना से बचने के लिए लाइटों का उपयोग करना होगा।

मसौदा अधिनियम में कुछ विशेष निर्धारित क्षेत्रों में ड्रोन के संचालन को प्रतिबंधित किया गया है।

ड्रोन को एआईपी में एएआई द्वारा अधिसूचित हवाई अड्डे से 5 किलो मीटर के क्षेत्र, स्थाई अथवा प्रतिबंधित क्षेत्र, जोखिम पूर्ण क्षेत्र के अलावा तटीय क्षेत्र से सटे समुद्र में 500 मीटर (क्षैतिज) से परे, अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 50 किलो मीटर के क्षेत्र, आपातकालीन अभियानों से जुड़े क्षेत्र अथवा जनसुरक्षा को प्रभावित करने वाले क्षेत्र के निकट अथवा ऊपर और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बिना पूर्व अनुमति के नहीं उड़ाया जा सकता।

इसके अलावा दिल्ली में विजय चौक से 5 किलो मीटर के दायरे और चल वाहन, पोत अथवा वायुयान जैसे मोबाइल प्लेटफार्म से भी ड्रोन को संचालित नहीं किया जा सकता।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव आर एन चौबे ने जानकारी दी की मानव रहित विमान सिस्टम पर नागर विमानन नियमों का मसौदा एक माह की अवधि के लिए उपलब्ध है और इस मामले में आम लोगों से मसौदे पर सुझाव और प्रतिक्रियाऐं भी आमंत्रित हैं।