crop

किसानों को दो लाख रु.तक नगद भुगतान कर सकते हैं व्यापारी

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अनाज व्यापारियों की शंकाओं का समाधान करते हुए स्पष्ट किया है कि आयकर नियमों के अंतर्गत किसान से उसकी उपज की खरीद के बदले अनाज व्यापारी दो लाख रुपये तक का भुगतान नगद कर सकते हैं। भुगतान की इस कार्यवाही में आयकर नियम बाधक नहीं होंगे।

आयकर अधिनियम-1961 के प्रावधान 40-ए (3) के तहत 10 हजार से अधिक की नगद खरीदी संबंधी प्रतिबंधों को कृषि उत्पादों की खरीदी के संबंध में आयकर अधिनियम-1962 के नियम 6-डीडी के तहत समाप्त किया गया है।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय वित्त मंत्री जेटली से मध्यप्रदेश में लागू की गई भावांतर भुगतान योजना के तहत अनाज व्यापारियों द्वारा किसानों से उपज की खरीदी पर नगद भुगतान करने के बारे में व्याप्त शंकाओं के समाधान के लिए आग्रह किया था।

इसके बाद वित्त मंत्रालय भारत सरकार की ओर से 3 नवम्बर 2017 को परिपत्र जारी किया गया। इस परिपत्र के अनुसार किसान की उपज के बदले अनाज व्यापारी 2 लाख रुपये की सीमा तक नगद भुगतान कर सकता है।

आयकर के अधिनियम 269 एसटी के अधीन 2 लाख से ऊपर की नगद बिक्री किसान द्वारा नहीं की जा सकेगी।

परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 2 लाख या इससे कम के बिक्री के लेन-देन के लिए पेन की जानकारी देना एवं फार्म नम्बर-60 प्रस्तुत करना आवश्यक नहीं होगा।