Chinook Helicopters

भारतीय वायु सेना में शामिल किये गए 4 चिनूक हेलीकॉप्टर

भारतीय वायु सेना ने सोमवार, 25 मार्च को अपने बेड़े में अत्यधिक भार उठाने वाले भारी भरकम चार चिनूक हेलीकॉप्टरों  (Chinook Helicopters)  को शामिल किया है।

ये ऐसे हेलीकॉप्ट है जिनकी सैनिक, शस्त्र और सामान ढोकर दुर्गम इलाकों में पहुंचाने के लिए भारतीय वायु सेना को लंबे समय से जरूरत थी।

एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने चंडीगढ़ में एयर फोर्स बेस में आयोजित एक समारोह में चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook Helicopters)  को भारतीय वायु सेना में शामिल होने की घोषणा की।

चिनूक हेलीकॉप्टरों (Chinook Helicopters)  को चंडीगढ़ के वायु सेना स्टेशन 12 विंग में तैनात किया जाएगा।

समारोह में बोलते हुए एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि ये हेलीकॉप्टर ऊर्ध्वाधर क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में भार उठाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि एक विविध इलाके में ऊर्ध्वाधर लिफ्ट क्षमता की आवश्यकता थी क्योंकि भारत कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना करता है।

एयर चीफ मार्शल ने कहा कि चिनूक (Chinook Helicopters)  रात में भी सैन्य अभियानों को अंजाम दे सकते हैं, जिससे इन हेलीकॉप्टरों को राष्ट्रीय संपत्ति बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि चिनूक का इंडक्शन गेम चेंजर होगा, उसी तरह राफेल फाइटर बेड़े में शामिल होने वाला है।

धनोआ ने कहा कि असम में दिनजान में पूर्व के लिए भारी.लिफ्ट हेलिकॉप्टरों की एक और इकाई बनाई जाएगी।

चिनूक हेलीकॉप्टर (Chinook Helicopters)  ने पूरी तरह से डिजिटल कॉकपिट प्रबंधन प्रणाली को एकीकृत किया है और विशेष अभियानों के लिए पूरी तरह से सुसज्जित पैदल सैनिकों को लाने ले जाने में सक्षम है।

चिनूक हेलीकॉप्टर (Chinook Helicopter)  का उपयोग युद्ध के मैदान पर सैनिकों, तोपखाने, गोला.बारूद आपूर्ति और उपकरणों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाएगा।

फोटो एआईआर से साभार

एक बार शामिल होने के बादए हेलिकॉप्टर भी भारतीय सशस्त्र बलों के एम-.777 अल्ट्रा.लाइट हॉवित्जर तोपों को उठाने में मदद करेंगे। इसकी ऑल.वेदर ऑपरेशनल क्षमताएं भारत वायु सेना के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो दुनिया के कुछ सबसे शत्रुतापूर्ण इलाकों में संचालित होती हैं।

सैन्य अभियानों के अलावा उनका उपयोग चिकित्सा ,आपदा राहत, खोज और अग्निशमन और नागरिक सहयोग के लिए भी किया जा सकता है।

चिनूक हेलीकॉप्टरों को अमेरिकी रोटरक्राफ्ट कंपनी वर्टोल द्वारा विकसित किया गया है जिसे बाद में बोइंग रोटरक्राफ्ट सिस्टम के रूप में जाना जाता है ।ये हेलीकॉप्टर सबसे भारी वजन उठाने में से सक्षम है। इसका नाम अमेरिकी मूल के चिनूक लोगों से है, जो आधुनिक समय के वाशिंगटन राज्य के हैं।