Forest near Narayanpur

नारायणपुर में बैंक पहुंचने के लिए करते हैं 60 किलोमीटर का सफर

नारायणपुर (छतीसगढ़), 18 नवंबर । मेहनत की कमाई को बैंक में बदलवाने के लिए छतीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्र अबूझमाड़ गांव के निवासी सहित सुदूर क्षेत्रों के ग्रामीणों को भी रतजगा करना पड़ रहा है। नोटबंदी के कारण जिले के निवासी खासा परेशान हैं। ये लोग 60 से 70 किलोमीटर से चलकर आने को मजबूर हैं। ग्रामीणों को जिला मुख्यालय में एक-दो रात गुजारने के बाद ही बैंकों में रुपये जमा करने का मौका मिल रहा है।

ग्रामीण बाजार स्थल समेत जगदीश मंदिर के पास रात गुजार कर सुबह से बैंकों में कतार लगाकर खड़े हो रहे हैं। फार्म भरने में हो रही समस्या से परेशान ग्रामीणों को मदद नहीं मिल पा रही है] वहीं बैंकों में तैनात सुरक्षाबलों के द्वारा भी ग्रामीणों की मदद नहीं की जा रही है। नगर के अधिकांश एटीएम पिछले कई दिनों से बंद हैं, जिससे लोग हलाकान हैं।

बैंकों में रुपये की अदला-बदली न होने और प्रमुख बैंकों के एटीएम बंद होने से लोगों को रोजमर्रा के खर्च के लिए रुपये नहीं मिल रहे हैं। इससे लोग बेहद नाराज हैं। वहीं राज्य सरकार के फैसले ने तो ग्रामीणों की समस्या और बढ़ा दी है। जिला सहकारी बैंक में किसानों की पूंजी न तो जमा की जा रही है और न ही उन्हें नोट के बदले नए नोट दिए जा रहे हैं।

सेंट्रल बैंक के शाखा प्रबंधक विकास पटोरिया ने बताया कि तकनीकी खामियों के चलते मशीन काम नहीं कर रही है। वहीं पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक वी.के. मसीह ने बताया कि एसबीआई से रुपये की आपूर्ति न होने से किल्लत हो रही है। उन्होंने बताया कि एटीएम में अन्य बैंकों के उपभोक्ता भी उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनके उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही थी। इस वजह से एटीएम बंद कर सीधे लोगों को रुपये दिए जा रहे हैं।

शाखा प्रबंधक गौरव शर्मा ने बताया कि उच्च प्रबंधन के द्वारा रोक लगाए जाने के बाद किसानों से रुपये नहीं लिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 11 से 13 नवंबर तक एक करोड़ 40 लाख रुपये किसानों के द्वारा बैंक में जमा कराए गए हैं। पाबंदी लगाने के बाद मंगलवार से किसानों से रकम नहीं ली जा रही है।(आईएएनएस/वीएनएस)