Dr Harshvardhan

भारत ने लिथियम-आयन बैटरियों की स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित की

भारत ने लिथियम-आयन बैटरियों  (lithium-ion batteries) की एक स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित की  है।  सीएसआईआर- सीईसीआरआई ने प्रोटोटाइप लिथियम-आयन बैटरियों के विनिर्माण के लिए चेन्नई में एक डेमो सुविधा केंद्र की स्थापना की है।

आरएएएसआई समूह अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सी. नरसिम्हन ने कहा कि ‘आरएएएसआई समूह बंगलुरु के निकट तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में विनिर्माण सुविधा केंद्र की स्थापना करेगा।‘

उन्होंने कहा कि ‘हम लीड एसिड बैटरी को विस्थापित करने के लिए बैटरी विनिर्माण की लागत प्रति केडब्ल्यू 15000 रुपये से कम पर लाना चाहते हैं।’

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.हर्षवर्धन का कहना है कि ‘यह परियोजना भारत को एक विनिर्माण हब में रूपांतरित कर देने तथा विदेशी मुद्रा के देश से बाहर जाने में कमी लाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के -मेक इन इंडिया- के विजन के अनुरूप है।

वर्तमान में भारतीय निर्माता कुछ अन्य देशों समेत चीन, जापान एवं दक्षिण कोरिया से लिथियम-आयन बैटरियों का आयात करता है।

भारत इसके सबसे बड़े आयातकों में से एक है और 2017 में इसने लगभग 150 मिलियन डॉलर के मूल्य के बराबर की लिथियम-आयन बैटरियों का आयात किया।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के तहत सेंट्रल इलेक्ट्रो कैमिकल रिसर्च इंस्टीच्यूट (सीईसीआरआई) एवं आरएएएसआई सोलर पावर प्रा. लिमिटेड ने भारत की पहली लिथियम आयन (एलआई-आयन) बैटरी परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी के अंतरण हेतु एक सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।