Rajnath

नए सिरे से लिखा जाएगा भारत की सीमाओं का इतिहास

भारत की सीमाओं (Borders of India) का इतिहास (History) नए सिरे से लिखा जाएगा।  इस परियोजना के दो साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्‍मीद है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इसके लिए स्वीकृति दे दी है।

सिंह ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (Indian Council of Historical Research) के प्रतिष्ठित व्‍यक्तियों, नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय, अभिलेखागार महानिदेशालय, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ 17 सितंबर, 2019 को इस बारे में नयी दिल्‍ली में एक बैठक की।

बैठक में प्रस्तावित किया गया कि नए सिरे से भारत की सीमाओं (Borders of India) का इतिहास (History) लिखने के इस काम में सीमाओं से जुड़े विभिन्न पहलुओं को समाहित किया जाएगा।

File photo

भारत की सीमाओं (Borders of India) के इतिहास (History) में सीमांकन और परिसीमन , बदलाव , सुरक्षा बलों की भूमिका; सीमावर्ती लोगों की  सांस्‍कृतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों को शामिल किया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की सीमाओं (Borders of India) के इतिहास (History) लेखने से लोगों तथा विशेष रूप से अधिकारियों को देश की सीमाओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी।

राजनाथ सिंह ने इस परियोजना के संबंध में मिले विभिन्‍न सुझावों का स्‍वागत किया और अधिकारियों को इसे शीघ्रता से पूरा करने के लिए आवश्यक स्रोत सामग्री, व्यापक संदर्भ, कार्यप्रणाली और कार्य योजना पर विशेषज्ञों से परामर्श करने का निर्देश दिया।

सरकार का मानना है कि भारत की सीमाओं (Borders of India) के इतिहास (History) लेखने से आम लोगों तथा खासतौर से सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राष्ट्रीय सीमाओं के प्रति जागरूक बनाने की अपनी तरह की पहली परियोजना है।