Flats

जयपुर में जयपुर विकास प्राधिकरण बना रहा है 7.50 लाख रु. का फ्लैट

जयपुर, 22 जुलाई।  जयपुर में जयपुर विकास प्राधिकरण बना रहा है 7.50 लाख रु. का फ्लैट।   आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 4 अगस्त, 2020  है।

अब तक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के  1448 फ्लेटस् (Flats) के लिए 1130 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके है।

जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा मुख्यमंन्त्री जन आवास योजना-2015 (शहरी) के वर्टिकल 4ए(1) के अन्तर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ( flats weaker sections)  के लिये एक हजार 448 फ्लेटस् (Flats) बनाये जाने प्रस्तावित है। जिसमे दो योजनाऎं अजमेर रोड, दो योजनाऎं वाटिका रोड तथा एक योजना गोनेर रोड पर बनाये जाने प्रस्तावित है।

प्राधिकरण द्वारा 04 अगस्त, 2020 तक आवेदन प्राप्त किये जावेगें। इस योजना के लिये आम जनता से काफी उत्साह एवं समर्थन मिल रहा है। अब तक 1130 से अधिक आवेदन प्राधिकरण को प्राप्त हो चुके है।

जेडीए सचिव  आलोक रंजन ने बताया कि प्रस्तावित आवास जी 3 पैटर्न पर बनाये जाने है। प्रत्येक फ्लेट मे दो कमरे, रसोई, स्नानघर व टॉयलेट इत्यादि की सुविधा के साथ प्रत्येक फ्लेट हेतु दुपहिया वाहन के पाकिर्ंग की सुविधा भी उपलब्ध है।

Map image courtesy JDA  जयपुर जिला मानचित्र में बस्तियों का विस्तार क्रम

इसके अतिरिक्त योजना मे पार्क, स्ट्रीट लाईट, सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट, सामुदायिक केन्द, फ्लेटस् मे बसने वाले परिवारो की सुविधाओं हेतु व्यावसायिक परिसर, पानी की सुविधा एवं गेटेड कम्यूनिटी का बेहतरीन अनुभव भी उपलब्ध करवाया जावेगा।

जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा फ्लेटस् (Flats) का निर्माण की जेडीए की सृजित स्कीम के भूखण्डों पर ही करवाया जा रहा है। प्रत्येक फ्लेट की कीमत लगभग राशि 7.50 लाख रूपये होगी।

योजना के अन्तर्गत भारत सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना-2015 (शहरी) के अनुसार सफल आवेदको को राशि रूपये 1.50 लाख प्रति फ्लेट अनुदान/सब्सिडी की राशि पात्रता  के आधार पर भारत सरकार से प्राप्त होने पर दी जावेगी तथा सफल आवंटियों को  फ्लेट की कीमत चुकाने मे सहयोग हेतु प्राधिकरण द्वारा एक त्रिपक्षीय अनुबन्ध ऋणदात्री बैंक/वित्तीय संस्था के नाम सम्बन्धित उपायुक्त द्वारा हस्ताक्षर कर जारी किये जावेगें। जिससे आवंटियो को ऋण प्राप्त करने मे सुगमता हो सकें।

प्राधिकरण द्वारा इस कार्य के लिए विकासकर्ता मैसर्स निला इन्फ्रास्टक्चर का चयन किया गया है। विकासकर्ता फर्म को प्राधिकरण का लाइसेंस (LOA ) जारी किया जा चुका है।