जल्लीकट्टू : पुलिस कार्रवाई के बाद हिंसक हुआ प्रदर्शन

चेन्नई, 23 जनवरी | तमिलनाडु पुलिस ने सांड को काबू करने के प्राचीन खेल जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर करीब एक सप्ताह से चल रहा शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें हटा रही पुलिस पर पथराव शुरू कर दी है। मरीना बीच के पास ट्रिप्लिकेन इलाके में स्थित एक सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने उन पर लाठियां चलानी शुरू कर दी।

पुलिस ने मरीना की ओर जाने वाली कई सड़कों पर एकत्र प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

पुलिस ने मरीना बीच की ओर जाने वाले सभी मार्गो को घेर लिया है।

पुलिस की कार्रवाई जल्लीकट्टू के आयोजन की मांग को लेकर करीब एक सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद हुई है। प्रदर्शनकरी इसके लिए अध्यादेश लाए जानेभर से संतुष्ट नहीं हैं और इस मुद्दे पर एक स्थायी समाधान चाहते हैं।

पुलिस की कार्रवाई सोमवार को राज्य विधानसभा की वर्ष 2017 में पहली बैठक के समय हुई है।

पुलिस ने प्रदर्शन स्थल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाया।

कोयम्बटूर में पुलिस ने मिट्टी के तेल का डिब्बा लेकर खुद को जलाने की धमकी दे रहे शख्स को तुरंत काबू में किया और उसे ऐसा करने से रोका।

मदुरै में प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे और पुलिस ने उन्हें प्रदर्शन स्थल से जाने के लिए समझाने की कोशिश की।

जल्लीकट्टू के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने रविवार को कई स्थानों पर जल्लीकट्टू का आयोजन किया।

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार प्रदर्शन के लिए पशुओं का इस्तेमाल न किए जाने की सूची में से सांड को हटा दे।

पुलिस ने राज्य के अन्य इलाकों से भी प्रदर्शनकारियों को चले जाने को कहा। तिरुनेलवेली जिले में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के आग्रह पर प्रदर्शन रोक दिया।

अध्यादेश जारी होने के बाद जल्लीकट्टू पथुकप्पु पेरावई के अध्यक्ष पी. राजशेखर ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन समाप्त करने का आग्रह किया था।

हालांकि राज्यभर में पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पीटा) के खिलाफ प्रदर्शनकारियों का आक्रोश नजर आया, लेकिन अधिकांश प्रदर्शन स्थलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के विरोध में नारेबाजी सुनाई दी।

कुछ प्रदर्शनकारियों की तख्तियों पर असभ्य भाषा भी लिखी नजर आई, वहीं कुछ पर अलग तमिल राज्य की मांग लिखी हुई थी।

रेल की पटरियों पर प्रदर्शन के कारण कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जिसके कारण हजारों यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दक्षिण रेलवे ने सोमवार को 16 ट्रेनों को रद्द करने की घोषणा की।

इस बीच, डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष और तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन ने पुलिस कार्रवाई की निंदा की।

वहीं, पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने कहा कि पार्टी ने 26 जनवरी को जल्लीकट्टू को लेकर विरोध प्रदर्शन करने का अपना फैसला वापस ले लिया है, क्योंकि राज्य सरकार ने इसके आयोजन की अनुमति के लिए अध्यादेश जारी कर दिया है। –आईएएनएस