Lata Mangeshkar Award

सुमन कल्याणपुरकर एवं कुलदीप सिंह को लता मंगेशकर पुरस्कार

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा सुगम संगीत के क्षेत्र में सुविख्यात पार्श्व गायिका (Plyback singer) सुमन कल्याणपुर (Suman Kalyanpurkar) को वर्ष 2017 और संगीत निर्देशन (Music Director) के क्षेत्र में विख्यात संगीत निर्देशक कुलदीप सिंह (Kuldip Singh) को वर्ष 2018 के लिये राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान (Lata Mangeshkar Award) प्रदान किया जायेगा।

सम्मान के अंतर्गत 2 लाख रुपये की आयकर मुक्त राशि, सम्मान पट्टिका तथा शाल-श्रीफल भेंट किया जायेगा।

इंदौर में फरवरी, 2020 में आयोजित किये जा रहे भव्य समारोह में दोनों विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा।

समारोह की तैयारियाँ की जा रही हैं। यह सम्मान संगीत निर्देशन और गायन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिये एक वर्ष के अंतराल से दिया जाता है।

हाल ही में मुम्बई में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान (Lata Mangeshkar Award)  के लिए हुई चयन समिति की बैठक में सुमन कल्याणपुर (Suman Kalyanpurkar) और कुलदीप सिंह (Kuldip Singh) का सम्मान के लिये चयन किया गया।

बैठक में वरिष्ठ पार्श्व गायक सुरेश वाडकर, प्रख्यात फिल्म पत्रकार एवं माधुरी पत्रिका के संपादक रहे विनोद तिवारी और फिल्म पत्रकार सुमंत मिश्र शामिल हुए। 

सुश्री सुमन कल्याणपुर (Suman Kalyanpurkar) पार्श्व गायन के क्षेत्र में 50 साल से भी अधिक समय से सृजनशील हैं।

इन्होंने फिल्म बात एक रात की, दिल एक मंदिर, दिल ही तो है, सांझ और सवेरा, जहांआरा जैसी अनेक उत्कृष्ट फिल्मों में गीतों को आवाज दी।

इसी प्रकार, संगीत निर्देशक एवं म्यूजिक कम्पोजर कुलदीप सिंह (Kuldip Singh) ने अंकुश और साथ-साथ जैसी फिल्मों में संगीत निर्देशन से अपनी पहचान बनाई है।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 1984-85 में नौशाद, वर्ष 1985-86 के लिये किशोर कुमार, 1986-87 के लिये जयदेव, 1987-88 के लिये मन्ना डे, 1988-89 के लिये खय्याम, 1989-90 के लिये सुश्री आशा भोंसले, 1990-91 के लिये लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, 1991-92 के लिये येसुदास, 1992-93 के लिये राहुल देव वर्मन, 1993-94 के लिये श्रीमती संध्या मुखर्जी, 1994-95 के लिये अनिल विश्वास, 1995-96 के लिये तलत महमूद, 1996-97 के लिये कल्याणजी-आनंदजी 1997-98 के लिये जगजीत सिंह, 1998-99 के लिये इलिया राजा, 1999-2000 के लिये एस.पी. बालसुब्रमण्य, 2000-2001 के लिये भूपेन हजारिका, 2001-2002 के लिये महेन्द्र कपूर, 2002-2003 के लिये रवीन्द्र जैन, 2003-2004 के लिये सुरेश वाडकर, 2004-2005 के लिये ए. आर. रहमान, 2005-2006 के लिये सुश्री कविता कृष्णमूर्ति, 2006-2007  के लिये पं. हृयनाथ मंगेशकर, 2007-2008 के लिये नितिन मुकेश, 2008-2009 के लिये रवि, 2009-2010 के लिये सुश्री अनुराधा पौडवाल, 2010-2011 के लिये राजेश रोशन, 2011-2012 के लिये हरिहरन, 2012-2013 के लिये सुश्री उषा खन्ना, 2015-2016 के लिये उदित नारायण और वर्ष 2016-2017 के लिये अनु मलिक को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया।