Lok Sabha

लोक सभा ने ट्रिपल तलाक विधेयक ध्वनि मत से पारित किया

लोक सभा (Lok Sabha)  ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक  2019 (Muslim Women (Protection of Rights on Marriage), Bill, 2019 यानी  ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) ध्वनि मत से पारित कर दिया।

ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) पर  आज 25 जुलाई,2019 को लोकसभा में लंबी चर्चा चली ।

ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) का उद्देश्य तत्काल ट्रिपल तालक की प्रथा को शून्य और अवैध घोषित करना है।

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 यानी ट्रिपल तलाक विधेयक(Triple Talaq Bill) पेश करते हुए कहा कि तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बावजूद देश के कई इलाकों में यह कुप्रथा जारी है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि विधेयक किसी भी समुदाय और धर्म के खिलाफ नहीं है और इसे राजनीति दृष्टि से नहीं देखा जाना चाहिए।

प्रसाद ने कहा कि इस ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) का उद्देश्य मुस्लिम महिलाओं को न्याय, समानता और सम्‍मान दिलाना है।

एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा कि महिलाएं अपनी शुद्धता कैसे साबित करेंगी। उसका पति जेल से भरण-पोषण कैसे करेगा?

उन्होंने कहा कि विवाह को समाप्त करने के बाद कानून महिला को सड़कों पर ले जाएगा।

बिल की मंशा पर सवाल उठाते हुए आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन ने आरोप लगाया कि विधेयक का उद्देश्य किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाना है।

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे कानून को सही ठहराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के अल्पसंख्यक फैसले का हवाला दे रही है। उन्होंने इस संबंध में अध्यादेश का रास्ता अपनाने के लिए सरकार से भी सवाल किया।

कांग्रेस के मोहम्मद जावेद ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है।

भाजपा के किरण खेर ने कहा कि ट्रिपल तलाक कानूनी प्रणाली का अपमान करते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, मलेशिया, इंडोनेशिया, मिस्र, जॉर्डन और अन्य मुस्लिम बहुल देशों ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

समाजवादी पार्टी के सदस्य आज़म खान के भाषण पर सदन में हंगामा हुआ।

बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने ट्रिपल तलाक विधेयक (Triple Talaq Bill) का समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा। उसने कहा, मुस्लिम महिलाओं के जीवन को बदलने और उन्हें सशक्त बनाने की आवश्यकता है और यह विधेयक इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा करता है।