Metro Rail

मेट्रो रेल का देश में 585 किलोमीटर पटरियों पर आवागमन 

मेट्रो रेलों  Metro Rail का देश में 585 किलोमीटर पटरियों पर आवागमन  हो रहा हैं।

Metro Rail मेट्रो रेल  का देश में जो विकास हुआ है वह ऐतिहासिक है।

इस में से 326 किलोमीटर लंबी पटरियों पर मई 2014 के बाद मेट्रो दौड़ रही हैं। मई 2014 से भारत सरकार द्वारा 258 किलोमीटर मेट्रो लाइन की मंजूरी दी गई ।

अहमदाबाद, लखनऊ, नागपुर एवं गाजियाबाद नगरों में अगले एक महीने  यानी मार्च 2019 में  लगभग 60 किलोमीटर मेट्रो लाइन के और आरम्भ किए जाने की संभावना है।

Metro Rail  का 2002 में केवल 8 किलोमीटर लंबी रेल लाइन पर आवागमन शुरू किया गया था।

चालू वित्त वर्ष (2018-19) में  140 किलोमीटर मेट्रो लाइन (10 फरवरी, 2019 तक) आरम्भ की जा चुकी है।

वर्तमान में लगभग 600 किलोमीटरलाइन निर्माणाधीन हैं । इन पर अगले पांच वर्षों में  रेलों का आवागमन शुरू हो जाएगा।

लगभग 1000 किलोमीटर मेट्रो लाइन प्रस्ताव योजना निर्माण के अधीन है।

भारत सरकार ने मेट्रो रेल Metro Rail  के मानकीकरण एवं विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। भारत सरकार की Metro Rail  नीति 2017 देश में मेट्रो रेल के विकास को सक्षम बनाती है।

मेट्रो प्रगति  10 फरवरी,2019 तक 

परिचालनगतः 585 किलोमीटर

दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (327 किलोमीटर)

नोएडा-ग्रेटर नोएडा- 29.7 किलोमीटर

बेंगलुरू (42.3 किलोमीटर)

हैदराबाद (46 किलोमीटर)

कोलकाता मेट्रो (27.3 किलोमीटर)

चेन्नई (45 किलोमीटर)

जयपुर (9.6 किलोमीटर)@

कोच्चि (18.2 किलोमीटर)

लखनऊ (8.5 किलोमीटर)

मुम्बई मेट्रो लाइन (11.4 किलोमीटर)*

रैपिड मेट्रो गुरुग्राम (12 किलोमीटर)**

मुम्बई मोनो रेल चरण-I (9 किलोमीटर)

मेट्रो निर्माणाधीन

विस्तार सहित दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (23 किलोमीटर)

कोलकाता (108 किलोमीटर)

बंगलुरू (72 किलोमीटर)

चेन्नई (10 किलोमीटर)

कोच्चि (7.5 किलोमीटर)

जयपुर (2.5 किलोमीटर)

मुम्बई (171 किलोमीटर)

हैदराबाद (26 किलोमीटर)

नागपुर (38 किलोमीटर)

अहमदाबाद (36 किलोमीटर)

लखनऊ (14 किलोमीटर)

पुणे (54 किलोमीटर)

भोपाल (28 किलोमीटर)

इन्दौर (32 किलोमीटर)

क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम

दिल्ली-मेरठ (82.15 किलोमीटर)

दिल्ली-पानीपत (111 किलोमीटर)

दिल्ली-अलवर (180 किलोमीटर)

ऐसी उम्मीद है कि नगरों में मेट्रों के विस्तार से स्थानीय एवं शहरों के बीच की यात्रा सरल हो जाएगी, गतिशीलता एवं संपर्क में भी वृद्धि होगी जिससे स्थानीय व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।