छग में सुरक्षा व सुशासन से ही नक्सलवाद का होगा खात्मा : रमन

रायपुर, 15 मार्च। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि सुरक्षा और सुशासन से ही नक्सलवाद और आतंकवाद समाप्त होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सरगुजा इलाके को नक्सल समस्या से मुक्त किया जा चुका है। अब आदिवासी बहुल बस्तर अंचल में सुशासन के जरिए बदलाव लाने के लिए जनता की सामाजिक-आर्थिक बेहतरी की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है।
रमन सिंह ने बुधवार को नई दिल्ली में आतंकवाद रोधी सम्मेलन को अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया और यह बातें कहीं।

यह सम्मेलन ‘हिन्द महासागर क्षेत्र में आतंकवाद’ विषय पर इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया गया। डॉ. रमन सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए छत्तीसगढ़ की नक्सल समस्या, विशेष रूप से बस्तर संभाग में नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए अपनी सरकार की नीतियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, “केंद्र से भी हमें अच्छा सहयोग मिल रहा है। बस्तर में सड़क, रेल मार्ग, संचार और बिजली का नेटवर्क बढ़ाया जा रहा है। स्वास्थ्य और शिक्षा के साथ-साथ रोजगार प्रशिक्षण की सुविधाओं में वृद्धि की गई है। वहां के युवाओं के कौशल उन्नयन पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है।”

उन्होंने कहा, “प्रशासनिक विकेंद्रीकरण की दृष्टि से हमने वर्ष 2007 से 2012 के बीच वहां चार नए जिलों नारायणपुर, बीजापुर, कोंडागांव और सुकमा का गठन किया। अब बस्तर संभाग में सात जिले हैं।”

सम्मेलन को जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन.एन. बोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, आंध्र और तेलंगाना के राज्यपाल ई.एस.एल. नरसिम्हन ने भी संबोधित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, “स्कूली शिक्षा के लिए पोटा केबिन और दंतेवाड़ा तथा सुकमा जिले में एजुकेशन सिटी का निर्माण किया गया। दंतेवाड़ा जिले के एजुकेशन सिटी में लगभग 7000 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा का बेहतर वातावरण देने के लिए मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना शुरू की गई है।”

उन्होंने कहा, “इसके अंतर्गत राज्य के सभी पांच संभागीय मुख्यालयों रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर (सरगुजा), जगदलपुर (बस्तर) और दुर्ग में प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। प्रयास आवासीय विद्यालय में पढ़कर बच्चे आईआईटी, मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं में सफल हुए हैं।”

उन्होंने कहा कि जगदलपुर में शासकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई। इससे स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हुआ है। बीजापुर जिले में अस्पताल सुधार का नया मॉडल अपनाकर निजी क्षेत्र के चिकित्सकों की सेवाएं ली जा रही है। बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में मोबाईल फोन और इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना शुरू की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू की गई जिला खनिज न्यास योजना का खनिज संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ राज्य में सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। दंतेवाड़ा जिले में 200 करोड़ रुपये के एवं कोरबा जिले में 400 करोड़ रुपये के विकास कार्य चल रहे हैं। पूरे प्रदेश में वनवासियों के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक 1500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 1800 रुपये कर दिया गया है। बस्तर क्षेत्र में मक्के की खेती एवं उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया गया है।”  –आईएएनएस/वीएनएस