लोकसभा-विधानसभा चुनाव साथ कराने पर चर्चा की जरूरत : राष्ट्रपति

नई दिल्ली, 31 जनवरी | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि सरकार राजनीतिक पार्टियों से चर्चा के बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए निर्वाचन आयोग के किसी भी फैसले का स्वागत करेगी। राष्ट्रपति ने बजट सत्र की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव में धन-बल के उन्मूलन की दिशा में कदम उठाते हुए विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रस्ताव पर चर्चा करने की जरूरत है।

राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार राजनीतिक पार्टियों से चर्चा के बाद निर्वाचन आयोग के किसी भी फैसले का स्वागत करेगी।”

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को आतंकवाद के खतरे पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि भारत और अन्य देश आतंकवाद को हराने में निश्चित तौर पर कामयाब होंगे।

राष्ट्रपति ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आतंकवाद को निश्चित तौर पर हराने के लिए अन्य देशों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय करेगा।

मुखर्जी ने कहा, “मेरी सरकार आतंकवाद से मुकाबले और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि ऐसी गतिविधियों के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।”

राष्ट्रपति ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि जम्मू एवं कश्मीर को सीमा पार के आतंकवाद का सामना करना पड़ा है।

मुखर्जी ने कहा कि नक्सलवाद रोकने में काफी सफलता हासिल हुई है और हाल ही में सैकड़ों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अच्छे मानसून के साथ ही किसान केंद्रित योजनाओं के कारण फसलों की पैदावार बढ़ी है।

उन्होंने कहा, “अच्छे मानसून के साथ ही किसान केंद्रित योजनाओं के कारण बुवाई क्षेत्र और खरीफ फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी हुई है।”

मुखर्जी ने कहा, “रबी की फसल के वर्तमान मौसम में बुवाई क्षेत्र में पिछले साल की तुलना में छह प्रतिशत का इजाफा हुआ है।”

राष्ट्रपति ने कहा, “मेरी सरकार ने किसानों की जिंदगी में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए हैं।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जोखिम कवरेज के दायरे का विस्तार हुआ , बीमित राशि दोगुनी हुई और अब तक का सबसे कम प्रीमियम सुगम हुआ।”

मुखर्जी ने कहा, “जल्द की तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड्स को रुपे डेबिट कार्ड्स में परिवर्तित किया जाएगा।”

–आईएएनएस

(फाइल फोटो)