Red light area

कोलकाता के यौनकर्मियों पर विमुद्रीकरण का असर नहीं

कोलकाता, 12 नवंबर | जहां एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा घोषित विमुद्रीकरण के कदम के कारण देशभर की आम जनता और कारोबारी बुरी तरह परेशान हैं, वहीं दक्षिण एशिया की सबसे बड़े लालबत्ती इलाके- सोनागाछी पर इसका कोई असर नहीं है।

यौनकर्मियों की बेहतरी के लिए काम करने वाले संगठन, दरबार महिला समन्वय कमेटी की मुख्य संरक्षक, भारती डे ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, “सोनागाछी में कारोबार पर कोई असर नहीं है।”

सोनागाछी में यौन कारोबार पर असर न पड़ने का एक कारण यह है कि यौनकर्मी अभी भी अपने ग्राहकों से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट स्वीकार कर रही हैं।

डे ने कहा, “वे इस महीने के अंत तक ये नोट स्वीकार करेंगी।”

अन्य कारोबार के विपरीत यौन व्यापार नकदी भुगतान पर चलता है, और बड़े नोटों के बंद किए जाने के बाद इस पर बड़ा असर पड़ने की संभावना थी।

दरबार से जुड़े लोगों का कहना है कि यौनकर्मियों से संबंधित संगठनों की एक सामूहिक पहल और स्थानीय बैंकों से मिले मदद के आश्वासन ने इस संकटपूर्ण समय से निपटने में मदद मिली है।

डे ने कहा, “उषा को-ऑपरेटिव बैंक ने हमें आश्वस्त किया है कि वे इस महीने के अंत तक हमसे प्रतिबंधित नोट ले लेंगे। इलाके के यौनकर्मी 30 नवंबर तक प्रतिबंधित 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट जमा करा सकेंगे।”

डे ने हालांकि स्वीकार किया कि कुछ यौनकर्मियों के सामने यह समस्या अभी भी है, क्योंकि उनमें से सभी के पास बैंक खाते नहीं हैं।

उन्होंने कहा, “उषा बैंक में 30,000 यौनकर्मियों के खाते हैं। जिनके पास खाते नहीं हैं, उनके लिए थोड़ी चिंता की बात है, लेकिन हम उनके लिए भी कोई रास्ता निकालेंगे।”