उत्तर कोरिया ने मिसाइल लॉन्च की धमकी दी

सियोल, 9 जनवरी | उत्तर कोरिया ने घोषणा की है कि वह ‘किसी भी वक्त और कहीं भी’ लंबी दूरी तक मार करने वाले अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) को लॉन्च कर सकता है। साथ ही उसने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसके उकसावे पर ही वह अपने मिसाइल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा दे रहा है। सरकारी समाचार एजेंसी केसीएनए की सोमवार की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “उत्तर कोरिया स्थित सर्वोच्च मुख्यालय आईसीबीएम को किसी भी वक्त और कहीं भी लॉन्च करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

फाइल फोटो : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन। (सिन्हुआ/आईएएनएस)

प्रवक्ता ने उल्लेख किया कि अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अमेरिका से बढ़ते परमाणु खतरों के प्रतिक्रिया स्वरूप है।

समाचार एजेंसी एफे न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन ने एक जनवरी को नववर्ष के अपने संदेश में कहा था कि उत्तर कोरिया का अंतर्महाद्वीपीय परीक्षण मिसाइल विकास के अंतिम चरण में है।

इस बीच, अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने रविवार को कहा कि उत्तर कोरिया का परमाणु हथियार तथा बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अमेरिका के लिए एक ‘गंभीर खतरा’ है।

कार्टर ने एनबीसी के शो ‘मीट द प्रेस’ में कहा, “उत्तर कोरिया का मिसाइल अगर हमारी सरजमीं की तरफ या हमारे मित्र या सहयोगी देशों की तरफ आता है, तो वाशिंगटन उसे मार गिराने के लिए तैयार है।”

किम द्वारा आईसीबीएम परीक्षण की टिप्पणी पर पिछले सप्ताह प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, “ऐसा नहीं होगा।”

विश्लेषकों ने कहा है कि प्योंगयांग आईसीबीएम परीक्षण के बिल्कुल करीब है, लेकिन एक सटीक हथियार बनाने में उसे वर्षो लग जाएंगे।

दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के प्रवक्ता जियॉन्ग जून-ही ने समाचार एजेंसी योनहाप से कहा, “प्योंगयांग अगर मिसाइल की लॉन्चिंग करता है, तो इसके लिए भी वह यही आरोप लगाएगा कि यह अमेरिका के उकसावे के प्रतिक्रिया स्वरूप है।”

उन्होंने कहा, “उत्तर कोरिया द्वारा आईसीबीएम के संभावित परीक्षण का कोई संकेत नहीं मिला है।”

प्योंगयांग की चेतावनी ट्रंप पर निशाने के रूप में देखी जा रही है, जो 20 जनवरी को कार्यभार ग्रहण करेंगे। उन्होंने हालांकि उत्तर कोरिया को लेकर अभी तक अपनी नीति का संकेत नहीं दिया है, लेकिन विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि ट्रंप प्योंगयांग के खिलाफ सख्त रवैया अख्तियार करेंगे।

जियॉन्ग ने कहा कि अगर उत्तर कोरिया ने आईसीबीएम का परीक्षण किया, तो उसे कड़ी पाबंदी का सामना करना पड़ेगा।

प्रवक्ता ने कहा, “हम एक बार फिर उत्तर कोरिया को परमाणु मुक्त राह पर चलने का अग्रह कर रहे हैं।”

उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया के परमाणु व बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण पर 2006 से ही पाबंदी लगी है। बीते साल सितंबर में इसने सबसे बड़ा परमाणु परीक्षण किया था, जिससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच गई थी।            –आईएएनएस