Tax

मध्यप्रदेश में 20 हजार करोड़ के करों का ऑनलाइन भुगतान

भोपाल,29 अगस्त। मध्यप्रदेश में व्यवसायियों ने 20 हजार करोड़ से अधिक के करों का ऑनलाइन भुगतान किया है। वाणिज्यिक कर विभाग ऑनलाइन करों के भुगतान को प्रोत्साहित कर रहा है।

पिछले वर्ष 2016-17 में व्यवसायियों ने 20 हजार 860 करोड़ रुपये से अधिक कर राशि का भुगतान ऑनलाइन किया है। विभाग करदाताओं से विवरण पत्र भी ऑनलाइन प्राप्त कर रहा है। करदाताओं ने करीब 22 लाख विवरण पत्र ऑनलाइन प्रस्तुत किये।

वाणिज्यिक कर विभाग ने करदाताओं की सुविधा के लिये वित्तीय वर्ष 2016-17 में बकाया कर अवधि 2015-16 से संबंधित लम्बित कर निर्धारण प्रकरणों में से करीब 3 लाख प्रकरणों को स्व-कर निर्धारण के अन्तर्गत प्रस्तुत विवरण पत्रों को यथावत मान्य कर लिया। इस प्रकार इन करदाताओं का कर निर्धारण पूर्ण होने से अब उन्हें कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं रह गई।

मध्यप्रदेश में करदाताओं के लिये राज्य शासन द्वारा डीम्ड कर निर्धारण योजना भी लाई गई है। इसके अन्तर्गत वार्षिक टर्न ओव्हर की सीमा 20 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रूपये कर दी गई है। इस सुविधा का लाभ भी व्यवसायी करदाताओं द्वारा लिया जायेगा।

प्रदेश में कर विवाद को समाप्त करने के लिये विभिन्न नियमों के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 तक के लम्बित बकाया के निपटारे के लिये कर समाधान योजना भी लागू की गई है। करदाताओं को और अधिक सुविधा दिये जाने के मकसद से पन्ना और श्योपुर में नवीन वाणिज्यिक कर वृत्त कार्यालय प्रारंभ किये गये है।

राजधानी भोपाल का वस्तु एवं सेवाकर का राज्य कार्यालय ‘जीएसटी भवन’ अरेरा हिल्स में बनकर तैयार हो गया है। छिन्दवाड़ा, विदिशा और दमोह के जीएसटी कार्यालय भवन का निर्माण तेजी से पूर्ण किया जा रहा है।

प्रदेश में जीएसटी नियम के संबंध में करदाताओं को जानकारी देने के उददेश्य से विभिन्न साधनों का उपयोग किया जा रहा है।

प्रदेश में जीएसटी माइग्रेशन शुरू होने के समय अक्टूबर- नवम्बर वर्ष 2016 में 271 सेमीनार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये गये।

प्रचार के दूसरे चरण में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के साथ मिलकर वर्ष 2017 में मई और जून माह में 425 कार्यक्रम प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर पहुँचकर किये गये।

वाणिज्यिक कर विभाग ने इन कार्यक्रमों में से अकेले 348 कार्यक्रम सेमीनार के रूप में किये। विभाग अभी भी जागरूकता और समस्या निवारण शिविर कर रहा है। इनमें प्रदेश के व्यवसायियों को जीएसटी में आनेवाली दिक्कतों के समाधान के बारे में जानकारी दी जा रही है। विभाग ने इसके अलावा कार्यालयों में हेल्प डेस्क सेवा भी शुरू की है।