लोगों को संकीर्ण मानसिकता वाले राजनीतिज्ञों से सचेत रहना चाहिए : वीरभद्र

शिमला, 18 मई (जनसमा)। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा है कि लोगों को संकीर्ण मानसिकता वाले राजनीतिज्ञों से सचेत रहना चाहिए। जब इनके पास कहने को कुछ नहीं होता, तो वे एक-दूसरे की आलोचना करते हैं और लोगों को उनके मनसूबों के बारे में पता होना चाहिए। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं को बड़ी सोच रखने की सलाह दी क्योंकि ‘‘विविधता में एकता’’ देश का मंत्र है और उन्हें इस आदर्श का पालन व अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने विभाजन की राजनीति में विश्वास रखने वाले राजनीतिज्ञों को बुरे इरादों और मंसूबों से दूर रहने को कहा, क्योंकि ऐसी सोच राष्ट्र के हित के लिये घातक है।

वीरभद्र सिंह ने गुरूवार को हमीरपुर जिले के बड़सर विधानसभा क्षेत्र के ब्याड़ में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को सौ बिस्तरों की सुविधा वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने तथा बिझड़ी (धटवाल) में अग्निशमन केंद्र खोलने की घोषणाएं की। उन्होंने राजकीय डिग्री कॉलेज बड़सर में अंग्रेजी, इतिहास तथा वाणिज्य में स्नातकोत्तर की कक्षाएं आरंभ करने की भी घोषणा की।

उन्होंने पशु औषधालय चकमोह को पशु अस्पताल में स्तरोन्न्त करने, टिक्कर राजपुतान में आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्र तथा बड़सर में सैनिक विश्राम गृह खोलने की घोषणाएं की। उन्होंने कसेड़ी गांव के लिए पैदल पुल की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस चौकी बिझड़ी तथा भोटा को पूरी तरह क्रियाशील बनाया जाएगा और इनके लिए भवनों का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में ये चौकियां किराए के भवनों में क्रियाशील हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां तक भाजपा ने हमेशा ही विकास का श्रेय स्वयं  को लिया है। वे भूल जाते हैं कि राज्य के अस्तित्व में आने के उपरांत अधिकांश समय तक कांग्रेस की सरकारें सत्तासीन रही हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सांसद द्वारा केंद्र से राज्य के लिए धन लाने के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश करना न्याय संगत नहीं है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय योजना विभाग ने राज्य सरकारों को निधि आबंटन के लिए दिशा-निर्देश पहले ही तय किए हैं और राज्यों को इसका देय हिस्सा प्रदान करना केंद्र का पूर्व निर्धारित दायित्व है।