Devnani

प्री-बीएसटीसी प्रवेश पूर्व परीक्षा-2017 का परिणाम घोषित

जयपुर, 3 जून। शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने शनिवार को शिक्षा संकुल स्थित सभागार में कोटा विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा आयोजित प्री-बीएसटीसी (सामान्य) तथा प्री-बीएसटीसी (संस्कृत) प्रवेश पूर्व परीक्षा-2017 का परीक्षा परिणाम जारी किया।

श्री देवनानी ने परीक्षा में वरीयता सूची में स्थान बनाने वाले तथा सफल रहे परीक्षार्थियों को व्यक्तिशः बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने बताया कि प्री-बीएसटीसी (सामान्य) के अंतर्गत वरीयता सूची में 513 अंक प्राप्त कर जालौर की सुश्री सुमित्रा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि द्वितीय स्थान पर 509 अंक प्राप्त कर अलवर के श्री सन्नी अरोड़ा रहे हैं। इसी प्रकार 505 अंक प्राप्त कर जालौर के श्री मोहनलाल वरीयता सूची में तृतीय स्थान पर रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला वर्ग में वरीयता सूची में जालौर की सुश्री सुमित्रा (प्राप्तांक, 513) प्रथम स्थान पर, द्वितीय स्थान पर नागौर की सुश्री सुमित्रा सारस्वत (प्राप्तांक 501) तथा तृतीय स्थान पर बाड़मेर की सुश्री दमी (प्राप्तांक 498) रही हैं।

शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि प्री-बीएसटीसी (संस्कृत) के अंतर्गत वरीयता सूची में भरतपुर की सुश्री रेखा शर्मा ने 487 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, वहीं जालौर के मितुल कुमार ने 468 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान तथा अलवर की सुश्री पूनम कश्यप पर ने 465 अंक प्राप्त कर तृतीय स्थान प्राप्त किया है।

देवनानी ने बताया कि प्री-बीएसटीसी (सामान्य) एवं बीएसटीसी (संस्कृत) परीक्षा में कुल 4 लाख 32 हजार 499 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, जिसमें से 3 लाख 91 हजार 027 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। बीएसटीसी में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी बीएसटीसी सामान्य एवं बीएसटीसी संस्कृत पाठ्यक्रमों में इनके द्वारा चुने गये विकल्प के अनुसार ऑनलाइन काउंसलिग प्रक्रिया में भाग लेकर बीएसटीसी परीक्षा के प्राप्तांकों की वरीयता के आधार पर राजस्थान में स्थित 300 महाविद्यालयों की 18 हजार 570 सीटों पर प्रवेश प्राप्त कर सकते है।

इससे पहले कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति पी.के. दशोरा ने बताया कि राज्य सरकार के सहयोग से विश्वविद्यालय ने इस परीक्षा का सफलतम आयोजन किया। परीक्षा समन्वयक प्रो. राजीव जैन ने बताया कि प्रवेश पूर्व परीक्षा 30 अप्रैल 2017 को राज्य के समस्त जिला मुख्यालयों एवं विभिन्न उपखण्ड व तहसील मुख्यालयों पर आयोजित की गई थी।