राजस्थान को अमृत योजना के तहत मिले 5500 करोड़ रुपये

जयपुर, 26 मई (जनसमा)। अमृत योजना के तहत राजस्थान के एक लाख के अधिक आबादी वाले 29 शहरों के लिए भारत सरकार ने 5498.04 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. मंजीत सिंह ने गुरुवार को केन्द्रीय नगरीय विकास सचिव राजीव गोबा की अध्यक्षता में हुई अमृत अपेक्स कमेटी की 9वीें बैठक में भाग लेने के बाद यह महत्त्वपूर्ण जानकारी दी। इस बैठक में राजस्थान सहित 6 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे।

बैठक में वर्ष 2016-17 के लिए राज्य को 1120.51 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है, जिसमें जल आपूर्ति सम्बंधी आठ परियोजनाओं के लिए 252.05 करोड़, सीवरेज की दस परियोजनाओं के लिए 833.96 करोड़, ड्रेनेज की एक और ग्रीन पाक्र्स की 28 परियोजनाओं के लिए क्रमशः 11.50 करोड़ एवं 23 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली है।

बैठक में राजस्थान सरकार द्वारा ’अमृत‘ एवं ’स्वच्छ योजना‘ को एकीकृत कर किए जा रहे नये प्रयोगों की प्रशंसा की गई। खासकर पेयजल आपूर्ति और सीवरेज कार्यों के साथ ही  शौचालयों के निर्माण की दिशा में किए जा रहे कार्यों को सराहा गया। शौचालय निर्माण में राजस्थान देश में अग्रणी है।

वर्ष 2015-16 में जलापूर्ति और सीवरेज आदि के लिए केन्द्र द्वारा स्वीकृत 919 करोड़ रुपये के साथ ही राज्य सरकार द्वारा भी 956.76 करोड़ रुपये की परियोजनाओें की स्वीकृति दी गई है। राज्य ई-गवर्नेंस और सुधारों के मामले में भी अग्रणी है।

बैठक में बताया गया कि राजस्थान सरकार सीवरेज एण्ड वेस्ट वॉटर पॉलिसी लागू करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस पर अंतिम निर्णय होने के बाद राज्य देश में ऎसी पॉलिसी लागू करने वाला पहला प्रदेश बन जायेगा।

अमृत योजना के अन्तर्गत पांच वर्षों में राज्य के 29 चयनित शहरों में जलापूर्ति, सीवरेज, ड्रेनेज, अरबन ट्रांसपोर्ट आदि के 4627.98 करोड़ रुपये के विकास कार्य होंगे। इसके अलावा दस प्रतिशत राशि 407.26 करोड़ रुपये रिफोर्म्स प्रोत्साहन के रूप में खर्च किए जायेंगे। अमृत योजना के अन्तर्गत भिवाड़ी में 153.39, ब्यावर में 168.44, हनुमानगढ़ में 90, गंगापुर सिटी में 204.23, हिण्डौन सिटी में 151.64, सुजानगढ़ में 139.36, बीकानेर में 185, जोधपुर में 160, अलवर में 192.59, भरतपुर में 189.37, सीकर में 175.58, धौलपुर में 106.67, सवाईमाधोपुर में 175, चूरू में 193.37, बारां में 193.31, चित्तौड़गढ़ में 162.89, नागौर में 135.08, बूंदी में 171.36, भीलवाड़ा में 83.33, श्रीगंगानगर में 55, पाली में 60, टोंक में 55, झुंझुनूं में 85.62, किशनगढ़ में 135, जयपुर में 425, कोटा में 270.25, अजमेर में 120, उदयपुर में 271.50 और झालावाड़ में 120 करोड़ रुपये व्यय होंगे।