Mrinal Pandey

समाज गढ़ता है भाषा : मृणाल पांडेय

नई दिल्ली, 20 मार्च | प्रसिद्ध कथा-लेखिका और वरिष्ठ पत्रकार मृणाल पांडेय ने यहां रविवार को ‘भाषा और समाज’ विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि भाषा हमें विरासत में मिलती है और समाज उसे अपने स्तर पर गढ़ता है। राजकमल प्रकाशन समूह एवं ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी साहित्य उत्सव का आयोजन कनाट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर में किया गया। इस एक दिवसीय साहित्य उत्सव की शुरुआत मृणाल पांडेय के व्याख्यान से हुई। भाषा और समाज के अंर्तसबध को मृणाल ने कई उदाहरणों एवं निजी अनुभवों के आधार पर व्याख्यायित किया।

फाइल फोटो मृणाल पांडेय

उन्होंने कहा, “भाषा हमें विरासत में मिलती है और समाज उसे अपने स्तर पर गढ़ता है। हिंदी समावेशी भाषा है, इसलिए वो अपने अनुसार शब्दों को लेकर चलती है और शब्दों की यह यात्रा बहुत रोचक होती है।”

राजकमल प्रकाशन समूह के मुख्य प्रबंधक अशोक माहेश्वरी ने कहा, “यह खुशी कि बात है कि हाल के कुछ वर्षों में हिंदी पुस्तकों और लेखकों में दिलचस्पी लगातार बढ़ी है। यह कार्यक्रम इसी का विस्तार है, ये हिंदी के साथ अन्य भारतीय भाषाओं के लिए भी एक अच्छा संकेत हैं। हिंदी के मूल सवालों, असल सरोकारों, मूल पाठक समाज तक अभी तमाम साहित्य उत्सवों को और तैयारी से पहुंचने की जरूरत है।”

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह निदेशक नामित गोखले ने कहा, “हिंदी साहित्य उत्सव का यह दूसरा वर्ष है। इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रम से हिंदी पुस्तकों के वितरण को भी काफी प्रोत्साहन मिलेगा। यह हिंदी के लिए और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए भी एक अच्छा संकेत है।”

साहित्य उत्सव के पहले सत्र ‘अपनी चुनी राहें, क्या मकसद, क्या हासिल’ का संचालन अनु सिंह चौधरी ने किया। इस सत्र में उर्वशी बुटालिया, मैत्रेयी पुष्पा, विद्या शाह और पीयूष मिश्रा ने अपने अनुभवों को साझा किया।

इस मौके पर कवि सम्मलेन का आयोजन भी किया गया, जिसमें अरुण जैमिनी और विनय विश्वास ने अपनी कविताएं पेश कीं। कार्यक्रम के अंत में साहित्य प्रेमियों ने पीयूष मिश्र के कविता पाठ का आनंद लिया।–आईएएनएस