The management of the airport built by China in Sri Lanka will be given to Indian and Russian company.

श्रीलंका में चीन द्वारा बनाये गए एयरपोर्ट का प्रबंधन भारतीय और रूसी कंपनी को

कोलंबो, 27 अप्रैल। एक भारतीय फर्म को एक अन्य रूसी कंपनी के साथ संयुक्त रूप से श्रीलंका के मटाला राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की प्रबंधन जिम्मेदारी सौंपी गई है। अंतर्राष्ट्रीय विमानन सहयोग में एक महत्वपूर्ण कदम है।

श्रीलंका सरकार की कैबिनेट ने शुक्रवार को यह फैसला लिया है। श्रीलंका के मंत्रिमंडल ने द्वीप के दक्षिणी क्षेत्र में हवाई अड्डे के लिए प्रबंधन जिम्मेदारियों के हस्तांतरण को मंजूरी दे दी है।

यह हवाई अड्डा 209 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से बनाया गया था और उड़ानों की कमी के कारण इसे एक समय ‘दुनिया का सबसे सुनसान हवाई अड्डा’ कहा जाता है।

श्रीलंका के तटीय शहर हंबनटोटा के पास स्थित यह हवाई अड्डा चीन द्वारा बनाया गया है। श्रीलंका सरकार ने इसे 99 साल के लिए चीन को पट्टे पर दे दिया है। ऐसे में इस बंदरगाह के पास स्थित किसी हवाईअड्डे का प्रबंधन किसी भारतीय कंपनी को मिलना भारत के लिए एक कूटनीतिक सफलता कही जा सकती है।

श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता और मंत्री बंडुला गनवार्डेन ने संवाददाताओं से कहा कि श्रीलंका की कैबिनेट ने 9 जनवरी को संभावित दलों से रुचि पत्र आमंत्रित करने को मंजूरी दे दी।

बंदरगाह, जहाजरानी और विमानन मंत्री निमल सिरिपाला डी सिल्वा द्वारा कैबिनेट को सौंपे गए प्रस्ताव के अनुसार, चयनित भारतीय और रूसी कंपनियां 30 वर्षों की अवधि के लिए हवाई अड्डे का प्रबंधन करेंगी।

कैबिनेट द्वारा नियुक्त सलाहकार समिति ने भारत की शौर्य एयरोनॉटिक्स (प्राइवेट) लिमिटेड और रूस की एयरपोर्ट्स ऑफ रीजन्स मैनेजमेंट कंपनी को 30 साल के लिए प्रबंधन अनुबंध देने का फैसला किया। गनवार्डेन ने यह भी कहा कि कैबिनेट ने नागरिक उड्डयन और हवाईअड्डा सेवा मंत्री द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। मटाला हवाई अड्डे का नाम पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के नाम पर रखा गया है।

गौरतलब है कि श्रीलंका में एक के बाद एक प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए भारत और चीन के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है।

Image courtesy : Mattala Rajapaksa International Airport facebook page