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स्वयं सहायता समूह पिछड़े इलाकों में परिवहन सेवा चलाएंगे

नई दिल्ली, 10 अगस्त (जनसमा)। भारत सरकार ने दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के हिस्से के रूप में “आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना (एजीईवाई)” लांच करने का निर्णय लिया है। डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह पिछड़े इलाकों में सड़क परिवहन सेवा संचालन करेंगे।

एजीईवाई प्रारंभ में पायलट आधार पर देश के 250 ब्लाकों में लागू किया जाएगा। प्रत्येक ब्लाक को परिवहन सेवा चलाने के लिए 6 वाहन दिये जायेंगे। चालू वर्ष के दौरान 8 राज्यों – आंध्रप्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र,तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 52 ब्लाकों इस योजना का लागू करने की स्वीकृती दी गई है और इसके लिए 16.06 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 10.16 करोड़ रुपये भारत सरकार देगी और शेष राशि संबंधित राज्यों द्वारा दी जायेगी।

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मार्गों तथा सतत आधार पर चलाए जाने वाहनों की संख्या और क्षमता की पहचान की जाएगी। यह अध्ययन तकनीकी रूप से उन मजबूत संगठनों द्वारा किया जाएगा जो परिवहन नेटवर्क नियोजन में विशेषज्ञता रखते हैं। 6.50 लाख की लागत सीमा के अंदर वाहन या तो ई-रिक्शा होगा या थ्री विहलर या फोर व्हिलर होगा।

एसआरएलएम द्वारा वाहनों के लिए परमिट जारी करने के काम में राज्य परिवहन के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। वाहन चलाने वाले स्वयं सहायता समूह के सदस्य यह सुनिश्चित करेंगे कि वैध परमिट, रोड़ टैक्स परमिट, वैध बीमा पालिसी जैसी सभी आवश्यक कानूनी और वैधानिक आवश्यकता पूरी की गई है।