War Museum

धर्मशाला में ‘युद्ध संग्रहालय’ का लोकार्पण किया  गया

Vir Bhadra Singhशिमला, 9 अगस्त (जनसमा)। देश में  ‘अगस्त क्रांतिके नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक भारत छोड़ो आन्दोलन की 75वीं वर्षगांठ को  मनाए जाने के अवसर पर बुधवार को  धर्मशाला में  9.85 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित युद्ध संग्रहालयका लोकार्पण किया  गया।

युद्ध संग्रहालय हिमाचल प्रदेश के विक्टोरिया क्रॉस के प्राप्तकर्ताओं से लेकर शूरवीर सैनिकों के बलिदान को याद दिलाता है।

संग्रहालय राष्ट्र के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा से लेकर कैप्टन विक्रम बतरा, सौरभ कालिया तथा राष्ट्र के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले अन्य वीर सैनिकों के बारे में जानने का एक अवसर प्रदान करेगा।

कारगिल युद्ध में  हिमाचली भूमि के 52 वीर पुत्र शहीद हो गए । इस युद्ध संग्राहलय में उनके बलिदानों तथा उनकी वीरता के बारे में शानदार तरीके से उल्लेख  किया गया है।

कुल 2190 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैले संग्रहालय के बाहरी भाग में जनरल जोरावर सिंह और अन्य वीरों के भित्ति चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। अन्दर के भाग में वीरचक्र पुरस्कार विजेताओं, जमादार बन्धन राम तथा जमादार लाला की स्वर्ण पृष्ठ भूमि में दीवार पर लिखी गाथा को दर्शाया गया है।

परमवीर चक्र तथा वीर चक्रों के विजेताओं में मेजर सोमनाथ शर्मा, मेजर धान सिंह थापा, कैप्टन विक्रम बतरा, मेजर सुधीर वालिया, ऑनरेरी कैप्टन संजय कुमार को शामिल किया गया है।

संग्रहालय में देश के सभी परमवीर चक्र विजेताओं की फोटो गैलरी के अलावा विक्टोरिया क्रॉस, अशोक चक्र, वीरचक्र इत्यादि  विभिन्न वीरता पुरस्कारों के पदक शामिल किए गए हैं।

संग्रहालय में 5X2 फुट आयात के अशोक स्तम्भ के अलावा पाकिस्तान से जीते गए झण्डे, रेजिमेंटल झण्डा, मीडियम मशीन गन इत्यादि को भी शामिल किया गया है। 

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने लोकार्पण करते हुए अपने सन्देश में कहा कि वह आजादी की लड़ाई के महान नायकों और उन सभी शूरवीरों को नमन करते हैं, जिन्होंने राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि 8 अगस्त, 1942 को मुंबई मेंउनके भारत छोड़ो भाषण में करो या मरोके आह्वान के कारण ही हम औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त कर सके। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन भारत कीआजादी की लड़ाई के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।

उन्होंने कहा कि राज्य शहीद स्मारक सेवा तथा विकास सोसाईटीके प्रतिनिधियों को इस पुनीत व श्रद्धेय स्मारक की ओर ध्यान देना चाहिए।