Waste management

कचरा प्रबंधन मॉडल को स्व-सहायता समूह की महिलाओं से समझा

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी के प्रशिक्षु भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों ने अम्बिकापुर शहर के कचरा प्रबंधन (Waste management) मॉडल की बारीकियों को स्व-सहायता समूह की महिलाओं (women self help group) से समझा और कचरा प्रबंधन के वैज्ञानिक तरीकों का अध्ययन किया।

मसूरी प्रशासन अकादमी से 18 प्रशिक्षु प्रशासनिक अधिकारियों का दल मंगलवार 21 जनवरी 2020 को स्वच्छता मॉडल (cleanliness  model) का अध्ययन करने यहां पहुंचे थे।

प्रशिक्षु प्रशासनिक अधिकारियों ने अम्बिकापुर शहर के नया बस स्टैण्ड स्थित एस.एल.आर.एम. सेन्टर, बिलासपुर रोड स्थित स्वच्छता चेतना पार्क तथा डी.सी. रोड स्थित मरिन ड्राइव तालाब पहुंचकर स्वच्छता का अवलोकन किया।

उन्होंने स्वच्छता (cleanliness) चेतना पार्क में ठोस एवं गीले कचरे के साथ प्लास्टिक एवं धातु के कचरे का पृथक्करण तथा उसके उचित निपटान की बारीकियों को समूह की महिलाओं से समझा।

प्रशिक्षु अधिकारियों ने समूह की महिलाओं से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर सेग्रीगेशन तथा आय अर्जित करने तक के चरण का विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त की।

कचरा प्रबंधन (Waste management)  के साथ महिला समूह की भागीदारी तथा जीविकोंपार्जन के साधन उपलब्ध कराने के पहल की सराहना की।

प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने अम्बिकापुर के कचरा प्रबंधन (Waste management) को वैज्ञानिक पद्धति बताते हुए कहा कि जब उनकी पोस्टिंग किसी जिले में होगी तो वे वहां इस मॉडल को अपनाएंगे।

प्रशिक्षु अधिकारियों की टीम ने स्वच्छता(cleanliness) चेतना पार्क तथा मैरिन ड्राईव में किये गए कार्य को अद्भूत बताते हुए कहा कि कचरा एवं मलिनता भरी हुई स्थान को एक नये स्थल के रूप में विकसित कर बेहतर कार्य किया गया है। यह बहुत ही सार्थक प्रयास है।

प्रशिक्षु आईएएस दल को नगर निगम आयुक्त हरेश मण्डावी ने शहर में संचालित 17 एस.एल.आर.एम. सेन्टर तथा करीब 450 महिला सदस्यों के कार्यो के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मण्डावी ने यह भी बताया कि वर्ष 2015 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट कार्यक्रम जनप्रतिनिधियों तथा आम लोगों की सहभागिता से सफल कार्यक्रम बन गया है।

प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों से कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने अपने प्रशासनिक अनुभव साझा किया और आवश्यक मार्गदर्शन भी दिए।