श्रमिक हड़ताल से केरल में पूर्ण बंदी

तिरुवनंतपुरम, 2 सितम्बर | राजग सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के विरोध में और बेहतर वेतन की मांग को लेकर श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल से समूचे केरल में पूर्ण बंदी है। इस हड़ताल के कारण राज्य भर में सार्वजनिक परिवहन सेवा ठप है, वहीं निजी वाहन भी सड़कों पर कम नजर आ रहे हैं।

भाजपा से संबद्ध श्रमिक संघ, भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) को छोड़कर बाकी सभी प्रमुख मजदूर संगठन इस हड़ताल में शामिल हैं।

माकपा के पूर्व विधायक वी. सिवनकुट्टी के नेतृत्व में श्रमिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मुख्य केंद्रीय गराज को जाम कर दिया।

इसके कारण तीन इकाइयों में कार्यरत 6,000 कर्मियों को काम पर लाने के लिए एक भी वाहन गराज से निकल नहीं पाया।

इसरो ने इससे पहले कभी भी इस तरह की हड़ताल नहीं होने दी थी, जिससे कि संस्थान का कार्य प्रभावित हो, क्योंकि उनके वाहन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों की निगरानी में निकलते हैं।

सिवनकुट्टी ने कहा, “इसरो हमेशा सीआईएसएफ के बंदूकधारियों के बल पर हड़ताल आयोजनों को धमकाता रहा है, इसलिए हमने मुख्य गराज को ही बंद करने का फैसला किया, जहां 260 बसें और 400 कारें खड़ी रहती हैं।”

कोच्चि में कॉल टैक्सी सेवा वाहनों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा हमला करने के बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। ये वाहन रेलवे स्टेशनों से यात्रियों को पहुंचाने और लाने का काम कर रहे थे।

कोच्चि के आईटी हब इंफो पार्क परिसर में भी कई आईटी पेशेवरों की कम उपस्थिति दर्ज की गई।

त्रिशूर में भी पेरमबारा अपोलो टायर्स कारखाने में काम पर पहुंचे बीएमएस कार्यकर्ताओं को अन्य श्रमिक संघों के कार्यकर्ताओं द्वारा रोके जाने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

उत्तरी केरल में भी हड़ताल का प्रभाव पड़ा है, केवल कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर सामान्य गतिविधियां जारी रहीं।

वहीं, तीन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डों का संचालन जारी है। राज्य भर में बाजारों और मॉलों को बंद कर दिया गया है।          –आईएएनएस