अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं

मुंबई, 25 जनवरी । राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि भारत अनेक भाषाओं और अनेक धर्मो वाला एक विशाल देश है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं हैं। हाल ही में  करण जौहर ने असहिष्णुता पर बहस को यह कहते हुये हवा दे दी थी कि भारत एक ‘कठिन देश है, जहां अपने व्यक्तिगत जीवन के बारे में बात करना भी आपको जेल भिजवा सकता हैं।

कंगना ने कहा, ‘अभिव्यक्ति का स्वतंत्रता का आशय यह नहीं है कि किसी की भावनाएं आहत हों। हमें विचार करना चाहिए कि हम ऐसे देश में रहते हैं, जहां अनेक भाषाएं और अनेक धर्म हैं। किसी सार्वजनिक मंच से बोलना एक बडी बात हैं।

मैं मानती हूं कि जब आप अपने घर पर अथवा कार्यस्थल पर बात करते है, तब आपको इस बात के लिए सचेत रहना चाहिए कि आप क्या बोल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘सभी को शब्दों की ताकत समझना चाहिए। यदि किसी बात को अन्य तरीकों से कहा जा सकता है, तो कृपया उन अन्य तरीकों को महत्व दें और स्वयं को व्यक्त करने के लिए सबसे अच्छा एवं सटीक तरीका अपनाएं।

कंगना स्पोट्र्स ड्रामा फिल्म ‘साला खडूस के विशेष प्रदर्शन से अलग संवाददाताओं से बात कर रही थी।