आजादी के बाद पहली बार रौशन होगा छत्तीसगढ़ का छोटे डोंगर गांव

आजादी के बाद पहली बार रौशन होगा छत्तीसगढ़ का छोटे डोंगर गांव

रायपुर, 21 सितम्बर (जस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार को यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित ऊर्जा विभाग की बैठक में बस्तर सहित प्रदेश में विद्युतीकरण की सुदृढ़ व्यवस्था की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया। आजादी के बाद बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र  का पहला गांव ‘छोटे डोंगर’ परम्परागत बिजली से रौशन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री आगामी अक्टूबर माह में इसका शुभारम्भ करेंगे।

मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षमताओं के विद्युत उपकेन्द्रों की स्थापना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने युद्ध स्तर पर इन विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कम वोल्टेज की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए 33/11 के.व्ही. क्षमता के 198 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण माह जून 2017 तक पूर्ण कर लिया जाए। इन विद्युत उपकेन्द्रों में से राजनांदगांव जिले में 30, दुर्ग जिले में 27, रायगढ़ और रायपुर जिले में 22-22, महासमुंद जिले में 18, सरगुजा जिले में 17, बिलासपुर जिले में 15, जांजगीर-चांपा जिले में 14, बस्तर (जगदलपुर) जिले में 12, कांकेर जिले में 11 और कोरबा जिले में 10 विद्युत उपकेन्द्रों का निर्माण किया जा रहा है।

बैठक में जानकारी दी गई कि उजाला योजना के अन्तर्गत प्रदेश के पांच लाख बीपीएल परिवारों को अब तक एल.ई.डी. बल्ब का वितरण किया जा चुका है। शेष बीपीएल परिवारों को आगामी माह मार्च तक एल.ई.डी. बल्बों का वितरण किया जाएगा। बैठक में सौर सुजला योजना के अन्तर्गत प्रदेश के ग्यारह हजार किसानों को सोलर सिंचाई पम्प वितरित करने की तैयारियों की समीक्षा भी की गई।