आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के लिए कटिबद्ध ब्रिक्स देश : पुतिन

मॉस्को, 13 अक्टूबर | गोवा में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्था वाले पांच देश आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक दूसरे का सहयोग करने के लिए ‘कटिबद्ध’ हैं। राष्ट्रपति पुतिन ने आईएएनएस तथा स्पूतनिक समाचार एजेंसी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, “अंतर्राष्ट्रीय एजेंडे से संबंधित मुख्य मुद्दों पर अपना स्वर एक करने के लिए यह बैठक (गोवा में) एक महत्वपूर्ण अवसर है। आतंकवाद, मादक पदार्थो की तस्करी तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए कटिबद्ध हैं।”

पुतिन ने कहा कि ब्राजील, रूस, भारत, चीन तथा दक्षिण अफ्रीका को मिलाकर बना ब्रिक्स संघर्षो का समाधान करने में योगदान करेगा और अंतर्राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा को सुनिश्चित करेगा।

गुट के बरकरार रहने के संशय के बीच ब्रिक्स का सम्मेलन हो रहा है। इन पांच देशों में दुनिया की लगभग 53 फीसदी आबादी रहती है। रूस तथा ब्राजील की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है, जबकि दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था की हालत भी कमजोर है। चीन की विकास दर में भी कमी दर्ज की गई है, हालांकि भारत का विकास दर सात फीसदी पर बना हुआ है।

पुतिन ने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक आर्थिक चिंता को स्वीकर करता है, लेकिन यह उम्मीद जताता है कि चुनौतियां खत्म होंगी।

उन्होंने कहा, “वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता में लगातार कमी को लेकर हम सब चिंतित हैं। हमारे साझेदारों के साथ हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि इन चुनौतियों को खत्म करने को लेकर हमारे प्रयासों को एकजुट करने के लिए क्या किया जा सकता है।”

पुतिन ने भारत के प्रति भी आभार जताया, जिसकी लगातार अध्यक्षता में ब्रिक्स रणनीतिक साझेदारी को मजबूत तथा एकजुट करने पर केंद्रित रहा है।

पुतिन ने कहा, “मैं आश्वस्त हूं कि निरंतरता व नवाचार के तहत गोवा में आयोजित शिखर सम्मेलन बेहद फलदायक साबित होगा। मैं आशा करता हूं कि गोवा में होने वाला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन आर्थिक व मानवीय सहयोग के लिए नए द्वार खोलेगा।”

पुतिन ने ब्रिक्स को उभरती बहुध्रवीय दुनिया का एक प्रमुख तत्व करार दिया।

उन्होंने कहा, “समूह के पांचों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय कानून के मौलिक सिद्धांतों के लिए एक अडिग प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है और वे संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

उन्होंने कहा, “हमारे सदस्य देश दबाव की नीति, बल प्रयोग और अन्य देशों की संप्रभुता का उल्लंघन करने की नीति में विश्वास नहीं रखते हैं। हम सीरियाई संकट और मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया सहित वर्तमान अत्यावश्यक अंतर्राष्ट्रीय समस्याओं के प्रति समान दृष्टिकोण रखते हैं।”

रूसी नेता ने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलनों के अंतिम घोषणा पत्र अंतर देशीय बातचीत के हमारे बुनियादी सिद्धान्तों की खास तौर से अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन और संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका के समन्वय के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं। ऐसे में जबकि पश्चिमी देश अपने एकतरफा दृष्टिकोण को दुनिया पर थोपना चाहते हैं यह बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

उन्होंने कहा कि परंपरा के अनुसार, ब्रिक्स नेताओं की घोषणाएं आम सहमति के आधार पर अपनाई जाती हैं जो बहुत सारे विषयों और मुद्दों पर हमारे सैद्धांतिक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है। इसके साथ ही पांच देशों के लिए अल्पकालिक विकास लक्ष्य तय करता है।

उन्होंने कहा कि जहां तक हमारे सहयोग के व्यावहारिक पहलू का सवाल है, यह ध्यान देने की बात है कि आज ब्रिक्स देशों की विभिन्न एजेंसियों के बीच राजनीतिक, आर्थिक, मानवीय, सुरक्षा और कानून प्रवर्तन के सहयोग के लिए 30 से अधिक इंतजाम हैं।

पुतिन ने कहा कि हमारे सहयोग का एक ठोस उदाहरण 200 अरब डॉलर की कुल पूंजी के साथ ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ और ‘ब्रिक्स आकस्मिक रिजर्व व्यवस्था’ (सीआरए) की स्थापना है। मुझे यकीन है कि जैसे-जैसे बैंक और विकसित होगा इसकी गतिविधियां और बढ़ेगी जिसमें ब्रिक्स देशों के बीच एकीकरण को बढ़ावा देने वाली परियोजनाएं शामिल रहेंगी।

न्यू डेवलपमेंट बैंक ने इस साल से काम शुरू कर दिया है और पांचों ब्रिक्स देशों में पहली परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। फिलहाल अक्षय ऊर्जा की परियोजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। रूसी परियोजना में 10 करोड़ डॉलर की लागत से करेलिया में छोटे 50 मेगावाट क्षमता के पनबिजली स्टेशनों का निर्माण शामिल है।

पुतिन ने कहा कि हमारे देश जी-20 में सक्रिय रूप से एक साथ काम करते हैं। साथ ही विश्व व्यापार संगठन में हमारे नजरिए को एकरूपता देने, नियमों में सुधार लाने और इस संगठन के भीतर बहुपक्षीय वार्ता को बढ़ावा देने के लिए हम अनवरत काम कर रहे हैं।

यही कारण है कि मुझे ऐसा लगता है कि ब्रिक्स समूह के सहयोग से व्यावहारिक रूप से परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। यह जरूरी है कि इन परिणामों को और ठोस बनाने के लिए और आपसी हित के क्षेत्रों की पहचान के लिए काम करना जारी रखें।

रूस के राष्ट्रपति ने कहा कि गोवा शिखर सम्मेलन में उफा सम्मलेन में लागू की गई ब्रिक्स आर्थिक भागीदारी नीति की समीक्षा की जाएगी और 2020 तक की एक ब्रिक्स व्यापार, आर्थिक और निवेश सहयोग की योजना के मसौदे पर और काम किया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हम अपने साझीदारों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को विकसित करने के लिए समन्वित उपायों और नए तरीके विकसित करने के क्षेत्र में भी कार्य कर रहे हैं।”

इसके साथ ही हमारा इरादा अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और स्थिरता को मजबूत बनाने, हमारी अर्थव्यवस्थाओं को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने और अंतर्राष्ट्रीय विकास को सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

पुतिन ने कहा कि रूस ने भारत की अध्यक्षता में शुरू किए गए प्रयासों जैसे की ब्रिक्स देशों के बीच कृषि, रेल परिवहन, खेल, पर्यटन के क्षेत्रों में सहयोग और लोगों के बीच संपर्क स्थापित करने के प्रयास का समर्थन किया है।           –आईएएनएस