उत्तराखण्ड सरकार संतो का पूरा सम्मान करती है : हरीश रावत

देहरादून, 04 मार्च। उत्तराखण्ड में रायवाला से भोगपुर तक गंगा नदी में खनन पर रोक पूरी तरह से प्रभावी है। यदि अवैध खनन की शिकायत आती है तो डीएम हरिद्वार कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करें। शुक्रवार को बीजापुर हाउस में मातृसदन हरिद्वार के प्रतिनिधियों से वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आश्वस्त किया कि पूर्व में उनके द्वारा मातृसदन के आश्रम में गंगा नदी में बालू बजरी बोल्डर के चुगान के संबंध में जो निर्णय लिया गया था उसके अनुसार कार्यवाही करने के लिए राज्य सरकार वचनबद्ध है। उक्त निर्णय पर कार्यवाही करते हुए ही संबंधित क्षेत्र में खनन के पट्टे निरस्त किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार संतो का पूरा सम्मान करती है। हमारे लिए हर जीवन अनमोल है। उन्होंने मातृसदन के प्रतिनिधियों से स्वामी शिवानंद जी का अनशन समाप्त करवाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि गंगा नदी से रेता बालू बजरी बोल्डर के चुगान के दृष्टिगत पर्यावरणीय परिस्थितिकी एवं रिवर मार्फोलाॅजी का परीक्षण समयबद्ध तरीके से कराने के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें मातृसदन के प्रतिनिधि सहित वाडिया इंस्टीट्यूट आॅफ हिमालयन जियोलाॅजी भूतत्व एवं खनिकर्म ईकाई के भूवैज्ञानिक ड्रेजिंग काॅरपोरेशन आॅफ इण्डिया के प्रतिनिधि पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय के प्रतिनिधि व सिंचाई विभाग उत्तराखण्ड शासन के प्रतिनिधि शामिल किए जायेंगे।

उन्होंने कहा कि पूर्व में हुई सहमति के अनुसार जब तक उक्त एक्सपर्ट कमेटी जिसमें कि मात्सदन के प्रतिनिधि भी होंगे अपनी जांच रिपोर्ट से यह आश्वस्त नही कर देती है कि चुगान आवश्यक है तब तक संबंधित क्षेत्र में खनन पर पूरी तरह रोक जारी रहेगी।

मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि अवैध खनन के खिलाफ सरकार द्वारा कड़ी कार्यवाही की गई है। बड़ी मात्रा में छापेमारी करते हुए इसमें संलिप्त लोगों पर एक्शन लिया गया है। भारी जुर्माना भी लगाया गया है। मातृसदन द्वारा अर्द्धकुम्भ क्षेत्र का विस्तार करने की मांग पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सरकार इस पर सभी संबंधित पक्षों की सहमति बनाने का प्रयास करेगी।