संगमा के निधन पर राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, 04 मार्च (जनसमा)। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और मेघालय के लोकप्रिय जननेता पी.ए. संगमा के निधन पर अपनी श्रद्धांजलि देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने शोक संदेश में कहा ‘मैं लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष श्री संगमा के निधन पर शोकाग्रस्त हूं।’

उन्होंने कहा कि आठ बार लोकसभा सदस्य रहे श्री संगमा ने विशिष्टता के साथ मेघालय के मुख्यमंत्री और भारत सरकार के कई मंत्रालयों में मंत्री के तौर पर देश की सेवा की थी। उन्होंने देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों को मुख्यधारा में शामिल होने के साथ जनजातीय समुदायों के उत्थान और विकास के लिए अथक प्रयास किये थे।

इस गहरे शोक के अवसर पर मैं उनके परिवार जनों को संवेदना प्रकट करता हूं और देशवासियों से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने की अपील करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी पीए संगमा के निधन पर शोक जताया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ”श्री पीए संगमा एक स्वनिर्मित नेता थे जिनका पूर्वोत्तर के विकास में बड़ा योगदान है। मुझे उनके निधन का दुख है।

उन्होंने कहा कि लोक सभा अध्यक्ष के तौर पर श्री पीए संगमा के कार्यकाल को भुलाया नहीं जा सकता। उनके जमीन से जुड़े विनम्र व्यक्तित्व और उनके मिलनसार स्वभाव ने हरेक को आकर्षित किया।

मोदी ने कहा कि संगमा जी नेताजी बोस से काफी प्रभावित थे। वर्ष 2012 में हम दोनों आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

केन्द्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने भी लोक सभा के पूर्व स्पीकर एवं सांसद श्री पी.ए. संगमा के दु:खद निधन पर शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा, ‘पी.ए. संगमा जी मेरे अभिन्न मित्र थे। मैं उनको व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ। उन्होंने लोक सभा अध्यक्ष के रूप में, केन्द्रीय मंत्री के रूप में, सांसद के रूप में और राजनेता के रूप में जो देश की सेवा की है वह हमेशा याद की जाएगी।

पासवान ने कहा कि 1996 में मैं जब लोक सभा का नेता था और रेल एवं संसदीय कार्य मंत्री था, उस समय संगमा जी लोक सभा के अध्यक्ष थे। जिस बखूबी के साथ उन्होंने लोक सभा का संचालन किया था, उसकी हर राजनीतिक दल ने प्रशंसा की थी। राष्ट्रीय और अहम मुद्दों पर उनका सुझाव हमेशा महत्वपूर्ण होता था। संगमा जी न सिर्फ जनजातीय या पूर्वोत्तर राज्यों के शीर्षस्थ नेता थे बल्कि देश के भी कद्दावर नेता थे। काल निष्ठुर होता है।

उन्होंने कहा कि उनके आकस्मिक निधन से देश ने एक महान राजनेता और सपूत खो दिया है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति और उनके परिवार के लोगों को इस दुख को सहने की शक्ति दे।’