उर्दू की बहाली के लिए लड़ाई लड़ूंगा -कुरैशी

लखनऊ, 05 जनवरी। उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व राज्यपाल अज़ीज़ कुरैशी ने आज पत्रकारों से वार्ता करते हुए ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय में उर्दू को खत्म किये किये जाने पर अपने गहरे गुस्से का इज़हार करते हुए कहा कि वह उर्दू को दोबारा शुरु कराने के लिए जितना हो सकेगा उतना संघर्ष करेंगे लेकिन उससे पहले वह सरकार से इस विषय पर बात करने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने मुलायम सिंह यादव के द्वारा उर्दू की तरक्की के लिए किये गये कामों की तारीफ भी की और कहा कि मुलायम सिंह ने उर्दू के लिए काफी काम किया है। जबकि आज़ादी के बाद से उर्दू के साथ लगातार नांइसाफी होती आ रही है। अगर इतिहास में देखा जाये जो जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी व बहुगुणा जी ने उर्दू के लिए बहुत प्रयास किये लेकिन प्रदेश सरकारों ने उर्दू के साथ हमेशा नाइंसाफी की।

कुरैशी ने आगे कहा कि जो लोग उर्दू को खत्म करने में लगे हैं, मैं उनसे कानून के दायरे में रहते हुए लड़ाई लड़ूंगा, चाहे इसके लिए हमें कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

प्रधानमंत्री के पाकिस्तान दौरे पर पूछे गये एक सवाल के जवाब में कुरैशी ने कहा कि ज़ाती तौर पर यह मानते हैं कि मोदी का पाकिस्तान दौरा सही था और इसकी जितनी भी तारीफ की जाये कम है, क्योंकि दोनो देशो की जनता आपस में भाई चारा रखना चाहती है लेकिन कुछ प्रतिशत लोग इस बात को नहीं मानते हैं, उनको सबक सिखाना पड़ेगा।

कुरैशी ने पाकिस्तान को लताडते हुए कहा कि पाकिस्तान में ज़रा सी भी गैरत होती तो पठानकोट जैसी घटना न होती लेकिन अज़ीज़ कुरैशी का मानना है कि आपस में बातचीत ही एकमात्र रास्ता है जंग से कभी किसी मसले का हल आजतक हल नहीं निकला।

इसके साथ ही प्रदेश के नये डीजीपी की नियुक्ति पर पूछे गये एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह सरकार के इस फैसले की क़दर करते हैं और उत्तर प्रदेश की यह खुशकिस्मती है कि उसको जावीद अहमद जैसा ईमानदार डीजीपी मिला है। जावीद अहमद एक ईमानदार और मेहनती पुलिस अधिकारी हैं ।

अज़ीज़ कुरैशी ने कल्याण सिंह के जन्म दिवस पर बधाई दी और इसके साथ साथ प्रदेश की जनता को नव वर्ष की बधाई भी दी।