ओलंपिक

ओलंपिक 1920 में भाग लिया था दो भारतीय पहलवानों ने

Tokyo Olympic: ओलंपिक 1920 में दो भारतीय पहलवानों ने भाग लिया था। भारत का ओलंपिक में भाग लेने का लंबा इतिहास रहा है, जिसके पहले दल ने 1900 में पेरिस, फ्रांस में पदार्पण किया था। इसके बाद 1920 में भारतीयों ने फिर से इस मेगा खेल आयोजन में भाग लिया। इसमें पहली बार भारतीय कुश्ती टीम भी ओलंपिक में भाग लेने वाले दल का हिस्सा थी।

ओलंपिक  में भारत ने अब तक कुश्ती में पांच पदक जीते हैं, जो ओलंपिक में किसी व्यक्तिगत खेल में सबसे अधिक हैं।

टोक्यो (Tokyo) ओलंपिक की कुश्ती स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कम से कम सात पहलवान होंगे। इनमें बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) और विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) भी शामिल हैं। हालांकि, रियो कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (Sakshi Malik) टोक्यो में प्रतिस्पर्धा नहीं करेंगी, क्योंकि 62 किग्रा भारवर्ग में कोटा *सोनम मलिक (Sonam Malik) *ने हासिल किया है।

दिनेश चंद शर्मा

*आइए एक नजर डालते हैं भारत के पहले कुश्ती दल के सदस्यों पर, जो 1920 में बेल्जियम के एंटवर्प गए थे। *

कुमार नवाले
कुमार नवाले (Kumar Navale) ने मिडिलवेट वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने 23 वर्ष की उम्र में ओलंपिक में भाग लिया था। हालांकि, वो रैंकिंग में नौवें स्थान पर ही पहुंच सके।

*रणधीर शिंदे *
रणधीर शिंदे (Randhir Shindes) ने फेदरवेट वर्ग में भाग लिया। प्रभावशाली प्रदर्शन की बदौलत वो प्रतियोगिता के सेमीफ़ाइनल में पहुंचे। ओलंपिक के बाद, ग्रेट ब्रिटेन के *हेनरी इनमैन (Henry Inman) *को हराने के बाद से उन्हें राष्ट्रीय नायक के रूप में माना जाता था। हालांकि, सेमीफाइनल में वो करीबी मुकाबले में हार गए और चौथे स्थान पर रहे।

*आजादी के बाद ओलंपिक में भारत का पहला कुश्ती दल *
1948 में, नवगठित राष्ट्र के कुश्ती दल में छह सदस्य शामिल थे। युवा पहलवान के डी जाधव ( K D Jadav) ने फ्लाईवेट वर्ग में भाग लिया और ईरान के एम. रायसी से हारने के बाद छठे स्थान पर रहे। हेलसिंकी में ओलंपिक के अगले संस्करण में उन्होंने भारत के लिए कांस्य पदक जीता।

जबकि, टीम के अन्य सदस्य अपने प्रदर्शन से उतना आगे नहीं बढ़ पाए। बेंटमवेट में निर्मल बोस (Nirmal Bose), फेदरवेट में एस सूर्यवंशी (S. Suryavanshi), लाइटवेट में बंता सिंह (Banta Singh) और मिडलवेट में केशव रॉय (Keshav Roy) सभी दूसरे दौर में बाहर हो गए। वेल्टरवेट वर्ग में अनंत भार्गव (Anant Bhargava) तीसरे दौर में पहुंचे, लेकिन इससे आगे नहीं बढ़ सके।